केंद्र सरकार अब देश में जनसंख्या स्थिरीकरण पर नया कानून ला सकती है। इसके लिए रोडमैप बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस दिशा में कदम उठाते हुए नीति आयोग ने आज (20 दिसंबर) को ‘जनसंख्या स्थिरीकरण की दृष्टि को साकार करना: किसी को पीछे नहीं छोड़ना’ विषय पर राष्ट्रीय विचार-विमर्श का आयोजन किया है। आयोग की यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के चार महीने बाद शुरू हुई है। आयोग के मुताबिक, विचार-विमर्श के निष्कर्षों और सिफारिशों के आधार पर इस दिशा में वर्किंग पेपर तैयार किया जाएगा ताकि सरकार जनसंख्या स्थिरीकरण की तरफ ठोस कदम उठा सके। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत पर बल दिया था।
आयोग के मुताबिक, “भारत की जनसंख्या नीति और परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूत करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने के लिए जनसंख्या फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PFI) की साझेदारी में विचार-विमर्श आयोजित किया जा रहा है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों और विषय विशेषज्ञों को एक साथ एकमंच पर लाया जाएगा।”
स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था, “लगातार बढ़ती जनसंख्या हमारे और हमारी अगली पीढ़ी के लिए कई समस्याएं और चुनौतियां लाने वाली हैं।” उन्होंने कहा था, “अब समय आ गया है कि हमें चुनौतियों का सामना करना चाहिए। कभी-कभी निर्णय राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए किए जाते हैं, लेकिन वे हमारे देश की भावी पीढ़ी की वृद्धि की लागत पर आते हैं। मैं जनसंख्या विस्फोट के मुद्दे पर प्रकाश डालना चाहूंगा…”
पीएम मोदी ने कहा था, “हमारे समाज में, एक ऐसा वर्ग है जो अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि के परिणामों से बहुत अच्छी तरह वाकिफ है। वे सभी प्रशंसा और सम्मान के पात्र हैं। यह राष्ट्र के प्रति उनके प्रेम के लिए उनकी अभिव्यक्ति भी है… हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें जनसंख्या विस्फोट के बारे में चिंता करने की आवश्यकता है।”
बता दें कि 137 करोड़ की आबादी वाला भारत दुनिया में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत की जन्म दर गिर रही है, लेकिन जनसंख्या लगातार बढ़ रही है क्योंकि 30 प्रतिशत से अधिक आबादी युवा और प्रजनन आयु वर्ग में है। इससे जनसंख्या में वृद्धि जारी है।