20 मार्च, 2020. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट किया और कहा-
दिल्ली सरकार उन सभी कॉन्ट्रैक्ट /डेली वेज कर्मचारियों/गेस्ट टीचर्स आदि को भी सैलरी देगी, जिनके दफ़्तरों को कोरोना सम्बन्धी आदेशों के तहत बंद घोषित किया गया है.
दिल्ली सरकार उन सभी कोंट्रेक्ट/डेली वेज कर्मचारियों/गेस्ट टीचर्स आदि को भी सेलरी देगी जिनके दफ़्तरों को कोरोना सम्बन्धी आदेशों के तहत बंद घोषित किया गया है.
— Manish Sisodia (@msisodia) March 20, 2020
दो दिन बाद यानी 22 मार्च को दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा हुई और 25 मार्च से अब तक पूरा देश लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन के बीच में ही शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया. 5 मई, 2020 को जारी किए गए इस सर्कुलर में कहा गया कि सभी गेस्ट टीचर्स को 8 मई तक का ही वेतन दिया जाएगा.
20 हजार से ज्यादा गेस्ट टीचर के सामने रोटी का संकट
9 और 10 मई को स्कूलों में छुट्टी थी. 11 मई से 30 जून तक शिक्षा विभाग ने गर्मियों की छुट्टियां घोषित कर रखी हैं. इस सर्कुलर के मुताबिक, 9 मई से 30 जून तक गेस्ट टीचर्स के पास आय का कोई ज़रिया नहीं है. इस आदेश ने दिल्ली के 20 हजार से ज्यादा गेस्ट टीचरों के सामने लॉकडाउन के दौरान रोज़ी का संकट खड़ा कर दिया है.
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के सदस्य शोएब राणा कहते हैं-
8 मई के बाद से हमें सैलरी नहीं मिलेगी. अब इस टाइम हम लगभग 20 हजार लोग हैं. इस महामारी के बीच में दिल्ली में रह रहे हैं. अगर सरकार हमें पैसा नहीं देगी, तो हम अपना खर्च कैसे चलाएंगे? हम बस यही कह रहे हैं कि जब तक लॉकडाउन है, तब तक हमें सैलरी दो. 11 अप्रैल को ‘आजतक’ के एक इंटरव्यू में इन्होंने कहा था कि प्राइवेट सेक्टर हो या पब्लिक, न तो किसी की नौकरी जाएगी और न ही किसी कि सैलरी काटी जाएगी. सबको सैलरी मिलती रहेगी. लेकिन आप ही के एजुकेशन डिपार्टमेंट के 20 हजार से ज्यादा टीचर हैं, उन्हें आपने सैलरी देने से इनकार कर दिया.
8 मई तक किया काम
कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली में स्कूल मिड मार्च से ही बंद कर दिए गए थे. तब से लेकर 8 मई तक गेस्ट टीचर घर से ही काम कर रहे थे. ऑनलाइन क्लास ले रहे थे. पूरे अप्रैल में कुछ टीचर्स की ड्यूटी स्कूलों में बने क्वारंटीन सेंटर और राशन बांटने में भी लगाई गई थी. शोएब बताते हैं,
अभी तक लगभग सभी लोग ऑनलाइन क्लास ले रहे थे बच्चों की. जूम वीडियो कॉलिंग, वॉट्सऐप ग्रुप और पीडीएफ वगैरह के जरिए सभी लोग पढ़ा रहे थे. वीडियो रिकॉर्डिंग करके दे रहे थे. वो सब बंद करके इन्होंने अब डीडी न्यूज चैनल और खान एकेडमी को सारा काम दे दिया है. आप अपने अपने टीचरों को बेरोजगार करके दूसरे को काम दे रहें हैं.
पिछले साल तक गर्मी की छुट्टियों के दौरान गेस्ट टीचर्स की ड्यूटी एक्स्ट्रा क्लास, समर कैंप, मिशन बुनियाद जैसी चीजों में लगाई जाती थी. इसके लिए उन्हें पेमेंट भी किया जाता था. शोएब ने हमारे साथ कई ऐसी टीचर्स की शिकायतों को शेयर किया, जो मैटरनिटी लीव पूरा होने के बाद अभी भी अपने वेतन का इंतजार कर रही हैं. कुछ टीचरों का पेमेंट दो साल से अटका पड़ा है. शोएब कहते हैं,
टीचर्स ही हैं हम लोग भी. बच्चों को पढ़ा रहे हैं. एजुकेशन की जो सारी एक्टिविटी है, वो सब भी करा रहे हैं. इसके बावजूद हमारे साथ ऐसा व्यवहार करते हैं, जैसे हम दिहाड़ी मजदूर हों. हम अपनी समस्याओं को लेकर सिसोदिया जी से मिलने उनके आवास पर भी गए थे, लेकिन उन्होंने मिलने से ही इनकार कर दिया. हमारी साथी कम से कम 10 महिला टीचर ऐसी हैं, जिनको मैटरनिटी लीव पूरी होने के बाद भी सैलरी नहीं मिली. शिकायत करने पर हमें नौकरी से निकाल देने की बात कही जाती है. अब आप ही बताइए, हम कहां जाएं?