देश में कोरोनायरस के बढ़ते मामलों और गंभीर होते हालात के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने गुरुवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने रविवार यानी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक लगाने की अपील की। यह जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू होगा। उन्होंने कहा कि इस 14 घंटे के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर न निकले। शाम 5 बजे अपने-अपने घरों में से ही ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर एकदूसरे का आभार जताएं और इस वायरस से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाएं।
यह मोदी का पिछले 6 साल में 5वां राष्ट्र के नाम संबोधन था। गुरुवार को उन्होंने 29 मिनट में करीब 1900 शब्दों का इस्तेमाल कर कोरोनावायरस से निपटने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि हर देशवासी अगले कुछ हफ्तों तक बहुत जरूरी न होने पर बाहर जाने से बचे। 60 से 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग घर में ही रहें। पढ़ें, उनकी कही 8 सबसे अहम बातें…
1। जनता कर्फ्यू : रविवार 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक
प्रधानमंत्री ने क्या अपील की?
‘‘पहले जब युद्ध की स्थिति थी, तब गांव-गांव ब्लैकआउट होता था। युद्ध न हो, तब भी साल में एक-दो बार नगर पालिकाएं ब्लैकआउट का ड्रिल करवाती थीं। इसलिए मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है- जनता कर्फ्यू। यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार यानी 2 दिन के बाद 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है।’’
लोगों को करना क्या होगा?
प्रधानमंत्री ने अपील की है कि इस जनता कर्फ्यू के दरमियान कोई भी नागरिक घरों से बाहर न निकले। न सड़क पर जाए। न सोसाइटी-मोहल्ले में लोग इकट्ठे हों। लोग अपने घरों में ही रहें।
इस पर अमल कैसे होगा?
प्रधानमंत्री ने देश की सभी राज्य सरकारों से जनता कर्फ्यू को अमल में लाने की कोशिशें करने को कहा है। एनसीसी, खेल संगठन और सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों से भी इसके लिए जागरुकता लाने की अपील की है। मोदी ने कहा- आप हर दिन 10 नए लोगों को फोन करके इस वैश्विक महामारी और जनता कर्फ्यू की बात बताएं और समझाएं।
इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
मोदी ने कहा- यह जनता कर्फ्यू हमारे लिए एक कसौटी की तरह होगा। यह कोरोना जैसी लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, यह देखने-परखने का भी प्रयास होगा। जनता कर्फ्यू की कामयाबी और इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
2। दूसरों की सेवा करने वालों का आभार : रविवार 22 मार्च शाम 5 बजे
प्रधानमंत्री ने क्या अपील की?
मोदी ने कहा- 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं। साथियो! पिछले दो महीनों से लाखों लोग अस्पतालों, एयरपोर्ट, दफ्तरों, शहर की गलियों में दिन-रात काम में जुटे हैं। चाहे डॉक्टर हों, नर्स हों, हॉस्पिटल का स्टाफ हो, सफाई करने वाले भाई-बहन हों, मीडियाकर्मी हों, पुलिसकर्मी हों, ट्रांसपोर्ट वाले हों, होम डिलिवरी करने वाले हों, ये लोग अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा में लगे हैं। आज की परिस्थितियां देखें तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकतीं। आज भी ये खुद के संक्रमित होने का खतरा मोल ले रहे हैं, फिर भी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। ये अपने आप में राष्ट्र रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में शक्ति बनकर खड़े हैं। देश ऐसे सभी छोटे-बड़े व्यक्तियों और संगठनांे का कृतज्ञ है। मैं चाहता हूं कि 22 मार्च को ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। यह तरीका भी सभी को जोड़ सकता है।
लोगों को करना क्या होगा?
प्रधानमंत्री ने कहा- जनता कर्फ्यू के दिन शाम 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर या बालकनी या खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें। इसके लिए ताली बजाकर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें, उनका हौसला बढ़ाएं और उन्हें सैल्यूट करें।
इस पर अमल कैसे होगा?
देशभर में स्थानीय प्रशासन इस पर अमल करेगा। 22 मार्च को शाम 5 बजे आपको सायरन सुनाई देगा ताकि अपने घर के दरवाजों और खिड़कियों तक पहुंच सकें।
इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
देश में पुलिसकर्मियों की संख्या 19 लाख के आसपास है। ये सभी ऑन ड्यूटी हैं। देशभर में 22 लाख हेल्थ वर्कर्स हैं। इनकी काेरोनावायरस को कंट्रोल करने में अहम भूमिका है। देश में 12 लाख डॉक्टर्स हैं। हर 10,926 नागरिकों पर एक सरकारी डॉक्टर है।
3। अस्पताल न जाएं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे अस्पतालों पर दबाव बढ़ना नहीं चाहिए ताकि डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को इस महामारी को प्राथमिकता देने की सुविधा बने। रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल जाने की हमारी आदत से बचना चाहिए। जितना बच सकें, बचना चाहिए। आपको बहुत जरूरी लग रहा हो तो अपने फैमिली डॉक्टर या जान-पहचान के डॉक्टर से फोन पर ही आवश्यक सलाह ले लें। अगर आपने इलेक्टिव सर्जरी, जो बहुत आवश्यक न हो, उसकी तारीख ले रखी है तो इसे भी आगे बढ़ा दें।’’
4। अर्थव्यवस्था, मिडिल क्लास और गरीब
अर्थव्यवस्था : मोदी ने कहा- इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। हमने काेविड-19 इकोनॉमिक टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है। यह टास्क फोर्स सभी राज्यों से फीडबैक लेते हुए, आकलन लेते हुए निकट भविष्य में फैसले लेगी। यह टास्क फोर्स यह भी सुनिश्चित करेगी कि जितने भी कदम उठाए जाएं, उन पर अमल हो।
मिडिल क्लास, गरीब
प्रधानमंत्री ने कहा- निश्चित तौर पर इस महामारी ने मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीब को भी क्षति पहुंचाई है। उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि संभव हो ताे जिन-जिन लोगों से आप सेवाएं लेते हैं, उनका ध्यान रखें। हो सकता है कि आने वाले दिनों में वे दफ्तर न आएं, तो उनका वेतन न काटें। पूरी संवेदनशीलता के साथ फैसला लें। हमेशा ध्यान रखें कि उन्हें भी अपना परिवार चलाना है और परिवार को बीमारी से बचाना है।
5। दूध, खाने-पीने की जरूरी चीजें
मोदी ने कहा- मैं देशवासियों को इस बारे में आश्वस्त करता हूं कि दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां और जरूरी चीजों की कमी न हो, इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। ये सप्लाई कभी रोका नहीं जाएगा। इसलिए जरूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं। पहले की तरह सामान्य खरीदारी ही करें। पैनिक बाइंग न करें। ये ठीक नहीं है।
6। संकल्प और संयम : घर से काम करें, सीनियर सिटिजन बाहर न निकलें
संकल्प : प्रधानमंत्री ने कहा- आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों काे भी संक्रमित होने से बचाएंगे।
संयम : मोदी ने कहा- इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए दूसरी अनिवार्यता है संयम। और संयम का तरीका क्या है? भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना, आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है। कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा आवश्यक और कारगर है। अगर आप को लगता है कि आप ठीक हैं और आपको कुछ नहीं होगा, आप ऐसे ही मार्केट में सड़कों पर जाते रहेंगे और कोरोना से बचे रहेंगे तो ये सोच सही नहीं है। ऐसा करके आप अपने और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे। मेरा देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत जरूरी हो, तभी अपने घर से बाहर निकलें। चाहे काम ऑफिस, बिजनेस से जुड़ा हो, वह काम घर से ही करें। एक और आग्रह है, परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन हैं जो 60-65 साल से ज्यादा आयु वाले हैं, वे आने वाले कुछ हफ्ते आइसोेलेट रहें और घर से बाहर न निकलें।
7। मोदी ने कहा- मैंने आपसे जो भी मांगा, आपने कभी निराश नहीं किया
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। साथियो! आपसे मैंने जब भी जो भी मांगा है, मुझे कभी भी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हम सब मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं और सफल भी हुए हैं। आज मैं आप सभी देशवासियों, 130 करोड़ देशवासियों से, आप सभी से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।’’
8। नवरात्रि में शक्ति के साथ आगे बढ़ने की अपील
मोदी ने कहा, ‘‘हमें अभी अपना सारा सामर्थ्य खुद को कोरोना से बचाने में लगाना है। आज देश में केंद्र सरकार हो, राज्य सरकाों हों, पंचायतें हों, हर कोई अपने-अपने तरीके से इस वैश्विक महामारी से अपना योगदान दे रहा है। आपको भी अपना पूरा योगदान देना है। ये जरूरी है कि वैश्विक महामारी के इस वातावरण में मानव जाति विजयी हो, भारत विजयी हो। कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। यह शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े। इस संकल्प को लेकर आवश्यक संयम करते हुए आओ, हम भी बचें, देश को भी बचाएं। जगत को बचाएं। मैं आग्रह करूंगा जनता कर्फ्यू और सेवा करने वालों का धन्यवाद अर्पित करने के लिए।’