75 वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला के प्राचीर पर झंडा फराया। इस दौरान उन्होंने देश को संबोधित करते दो महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान। अपने 90 मिनट के भाषण में उन्होंने 100 लाख करोड़ रुपए की गति शक्ति योजना और बेटियों के लिए देश के सभी सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया। साथ ही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर भी वे जमकर बरसे। इससे पहले उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया।

गति शक्ति योजना का ऐलान
प्रधानमंत्री ने देश के संबोधन के दौरान 100 करोड़ रुपये की गति शक्ति योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, उड़ान योजना जगहों को जोड़ रही है, ये अभूतपूर्व है। बेहतर कनेक्टिविटी लोगों के सपनों को नई उड़ान दे रही है। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में सौ लाख करोड़ रुपये की गति शक्ति योजना शुरू की जाएगी, जो लाखों नौजवानों के लिए रोजगार लाएगी। साथ ही योजना से मैन्युफैक्चरर्स को मदद मिलेगी। अमृत काल के इस दशक में गति की शक्ति भारत के कायाकल्प का आधार बनेगी।
सैनिक स्कूल में होगा बेटियों का प्रवेश
पीएम मोदी ने कहा कि खेल से लेकर हर जगह बेटियां कमाल कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपनी जगह लेने के लिए आतुर हैं। सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक महिलाओं में सुरक्षा, सम्मान का भाव हो, इसके लिए शासन प्रशासन, पुलिस, नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है। इस संकल्प को आजादी के 75 साल का संकल्प बनाना है। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया था। अब तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।

सबका साथ-सबका विकास और अब सबका प्रयास
पीए मोदी ने अपने भषण के दौरान देशवासियों को सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास का मंत्र दिय। उन्होंने कहा कि साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 7 साल में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों के घरों तक पहुंचा है। उज्ज्वला योजना आयुष्मान भारत की ताकत देश जानता है। इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं और आज लाल किले की प्राचीर से सबका साथ- सबका विकास और सबका प्रयास का आह्वान कर रहा हूं।

14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐलान
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। ये पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया है। कल ही भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।