आपके किसी परिचित की सांस फूल रही है, आपको आईसीयू में बेड नहीं मिल रहा और आप पैसे की गठरी लेकर remdisevir या favipiravir लाकर मरीज को लगा देने के लिए जमीन आसमान एक किए हैं, तो गलत कर रहे हैं।
सबसे पहले तो आप अपनी उखड़ती हुई सांस पर काबू पाइए, दिमाग को स्थिर कीजिये और किसी एक डॉ की सलाह मानिए। चार पैथी के आठ चिकित्सक आपको या आपके परिचित को और बीमार कर देंगे।
जो चिकित्सक कोविड के इलाज़ के लिए अपडेटेड नहीं हैं, मेरी उनसे गुजारिश है कि वह किसी को इलाज बताने से पहले अपनी नॉलेज दुरुस्त करें। मेरे एक करीबी रिश्तेदार को मुझे स्टीरोइड शुरू करने के लिए पूरे दो दिन मसक्कत करनी पड़ी। उनके अपने जानने वाले चिकित्सकों ने सलाह दी कि इस दवा से तो आपको बहुत नुकसान भी हो सकता है। उनका कीमती समय जाया हो गया।
क्या करें :
1. कोविड जैसे लक्षणों की आते ही आप सतर्क हो जाएँ। सतर्क होने का मतलब घबराना बिलकुल नहीं है। यह मत मानिए कि आपको कोविड नहीं हो सकता, और यह भी कि, कोविड हो गया तो अब सब खेल ख़त्म।
कोशिश कर के जांच कराइए, अपने आपको आइसोलेट कर लीजिये, अपने शंसाधन टटोलिए, पैसा, अस्पताल के नंबर, परिचित चिकित्सकों के नंबर, सहारे के लिए दोस्त, रिश्तेदार आदि।
2. इस दूसरी लहर के कोविड में परिवार के एक आदमी को संक्रमण हुआ तो लगभग सभी लोग चपेटे में आने वाले हैं। जो 60 साल से ऊपर के व्यक्ति हैं या जिन्हे कोई लंबी बीमारी है, खासकर मधुमेह, उन पर विशेष नज़र रखिए।
3. आप किसी भी परिचित/अपरिचित चिकित्सक से संपर्क करेंगे तो वयस्कों के लिए उनके पास रेडीमेड पर्चा मिल जाएगा जिनमें कुछ चालू दवाएं ( हालांकि इनकी उपयोगिता में शंका है और जो बहुत सारे देशों में बिलकुल नहीं दी जाती हैं, मेरी व्यक्तिगत राय भी न देने के पक्ष में है ) और विभिन्न प्रकार की विटामिन्स, ( जिन्हे लेने में कोई हर्ज नहीं ) मिल जाएंगी, लेना शुरू कर दीजिये। छोटे बच्चों को बुखार की दवा के अलावा और कुछ भी न दें, इस स्टेज पर।
4. अब सबसे जरूरी काम है, ” मॉनिटरिंग ” क्या मॉनिटर करना है? बस एक चीज, ” SPO2 यानी रक्त में ऑक्सिजन की मात्रा ” जो लोग कोविड के लक्षणधारी हैं, पॉज़िटिव हैं या निगेटिव, उन्हे दिन में कम से कम दो बार अपना ऑक्सिजन लेवेल जरूर देखना है। इस कोविड महामारी के खिलाफ PULSE OXIMETER सबसे बड़े हथियार के रूप में देखा जा रहा है, यह हथियार आप भी संभालिए।
अगर आप चल सकते हैं तो 6 मिनट टहलने के बाद ऑक्सिजन लेवेल चेक कीजिये, 94 से कम नहीं है तो मुस्कुराइए और अपना मनपसंद भोजन कीजिये, खूब पानी पीजिए, पैर पसारकर आराम कीजिये।
5. यदि आपका SPO2 लगातार 94 से कम है, खासकर 90 से कम तो आप अस्पताल खोजना शुरू कर दीजिये। यदि आपका कोई परिचित चिकित्सक आपकी मदद के लिए हर समय उपलब्ध हो और आपको अस्पताल में बेड न मिल रहा हो तो आप घर पर ही O2 का इंतजाम कर सकते हैं।
ऊपर कही हुई बात जितनी सरल लग रही है उतनी सरल नहीं है। हर शहर में अभी बहुत सारे अस्पताल ऐसे हैं जहां आपको बेड मिल सकता है पर वहाँ ऑक्सिजन की भारी कमी है। आप सोचिए जब अस्पताल ऑक्सिजन का इंतज़ाम नहीं कर पा रहा तो आप कैसे कर लेंगे। कहीं से आपको एक सिलिन्डर मिल भी गया तो वह कब तक चलेगा? आपकी बीमारी एक – दो दिन में ठीक नहीं होने वाली। हाँ जब तक अस्पताल नहीं मिल जाता तब तक आप ये कर सकते हैं। आप कुछ घंटे पेट के बल भी लेटिए इससे आपके ऑक्सिजन लेवेल में सुधार होगा।
यहीं मैं एक बात और बता दूँ कि जो लोग छोटे शहरों में बीमार पड़ रहे हैं वे बड़े शहरों की ओर न भागें, खासकर तब जबकि आपकी जेब बहुत फूली हुई नहीं है। अगर ऑक्सिजन का इंतेजाम हो जाये तो आपके कस्बे में ही आपका इलाज, बड़े शहर का बड़ा डॉक्टर वहीं से कर देगा।
6. Inj Remdesivir के पीछे ज्यादा मत भागिए, यह गेम चेंजर नहीं है, और Favipiravir भी। गेम चेंजर है ” स्टेरोइड ” जिसे आपका काबिल चिकित्सक आपकी बाकी बीमारियों, कोविड कैलेंडर में आपका दिन, आपका वजन आदि को देखते हुए आपको प्रेस्क्राइब करेगा, उसे लीजिये।
6. आप ज्यादा बीमार हो गए हैं और आपको अस्पताल मिल गया है तो आप किस्मत वाले हैं। हालांकि आगे क्या होगा यह नहीं कहा जा सकता। डॉक्टर और कर्मचारी बहुत कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं, वहाँ भी सब ठीक नहीं है। वहाँ भी इंसान ही हैं और इंसानी कमजोरियाँ उनके साथ भी हैं।
आखिर में एक बात कहना चाहूँगा कि केवल अपने बारे में मत सोचिए, इंसानियत बचाए रखिए, दूसरों के कष्टों का ख्याल आपके मन में होगा तो आप अपने को भी बचा ले जाएँगे।
डॉ प्रदीप कुमार शुक्ल गंगा चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, दिल्ली में मुख्य परामर्शदाता हैं । आप लखनउ के वाशिंदे हैं और वहीं के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से MBBS, MD की पढ़ाई की है । सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं । फिलहाल कोरोना संकट के बीच #कोरोना_में_दुनिया नाम से सीरीज निकाल रहें है जो काफी लोकप्रिय हो रही है। यह पोस्ट वहीं से साभार लिया गया है ।