अमेरिका के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं । गुजरात में नमस्ते ट्रंम्प करके एक आयोजन होना है उसी में शामिल होने । इनके साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा ले रहे हैं । खास बात ये है कि ट्रम्प के साथ इस आयोजन में उनके साथ उनकी सभी गाड़िया भी आ रही है जो अजेय है, सुरक्षा कवचों से भरे हैं । इसके साथ ही अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा का भारीभरकम अमला भी होगा । ट्रंप के साथ तकरीबन 12 कैडिलैक यानी द बीस्ट भी आई हैं। इसके अलावा उनके काफिले में अलग-अलग गाड़ियों के साथ एक खास गाड़ी भी होगी, जिसे इस काफिले का कमांड सेंटर भी कहा जाता है। आमतौर पर ट्रंप के काफिले में 14 से लेकर 25 गाड़ियां तक होती हैं। जानते हैं उनके काफिले में शामिल गाड़ियों के बारे में…
द बीस्ट
ट्रंप के काफिले में लोगों की निगाहें द बीस्ट पर होंगी। प्रेसिडेंट कैडिलैक वन यानी द बीस्ट से ही सफर करते हैं। इसकी खासियतों के बारे में पहले ही दुनियाभर को पता है। बम ब्लास्ट तक को झेलने वाली इस लिमोसिन कार की बॉडी टाइटेनियम, स्टील और सिरेमिक से बनी है। इसकी पांच इंच मोटी पॉलीकॉर्बोनेट से बनी विंडो स्नाइपर्स राइफल की गोलियों को झेल सकती है। बीस्ट में स्मोक स्क्रीन, ऑयल स्लीक्स, पंप एक्शन शॉट गन, टीयर गैस कैनन जैसी रक्षात्मक प्रणाली भी होती है। राष्ट्रपति के काफिले के साथ दो एक जैसी लिमोसिन चलती हैं, जिससे यह पता लगाना मुश्किल होता है कि राष्ट्रपति किस गाड़ी में बैठे हैं।
हॉकआई
उनके काफिले में कई काउंटर असाल्ट व्हीकल्स भी होते हैं, जिन्हें हॉकआई (Hawkeye) के नाम से जाना जाता है। ये पूरे काफिले में आगे से लेकर पीछे तक होती हैं। ये अकसर फोर्ड एसयूवी होती हैं, जो कस्टमाइज्ड होती हैं। इन्हें Ford F350 पिकअप ट्रक्स भी कहा जाता है। हाल ही में ट्रंप के काफिले में कुछ शेवरले सबअर्बन एसयूवी भी आई हैं।
रोडरनर
ट्रंप के काफिले में एक खास गाड़ी भी नजर आएगी। इस रहस्यमयी कार को जून 2018 में ट्रंप के काफिले में पहली बार स्पॉट किया गया था। हरक्यूलिस विमान से आने वाली वाली गाड़ियों में यह गाड़ी भी शामिल थी। इसके बारे में कहा जाता है कि यह ट्रप के काफिले की सबसे ताकतवर कार है। इसे रोडरनर कार भी कहते हैं और यह कार भी भारत पहुंची है। यह कार काफिले का मोबाइल कमांड एंड कंट्रोल व्हीकल है और व्हाइट हाउस और पेंटागन से कंट्रोल होती है। इसी कार से अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले का संदेश व्यवहार होता है। टैंक प्लेट से बनी इस कार के ऊपर गुंबद के आकार का गोल 360 हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग सिस्टम होता है, जो फेस रिकग्जाइजेशन सॉफ्टवेयर से लैस है। साथ ही रूफ लाइन पर सैटेलाइट कम्यूनिकेशन के लिए एंटिना लगा होता है। Ford F350 ड्यूटी में छह दरवाजे होते हैं।
हाफबैक
हाफबैक कार प्रेसींडट लिमोसिन के पीछे चलती है। इस कार में यूएस सीक्रेट सर्विस के अधिकारी होते हैं। सुरक्षा के लिहाज से काफिले में कई गाड़ियां हाफबैक के तौर पर इस्तेमाल होती हैं। इनमें से ज्यादातर आर्मर्ड होती हैं।
वॉचटावर
प्रेसिडेंट के काफिले में कई वॉचटावर गाड़ियां होती हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक रेस्पॉन्स डिफेंस व्हीकल भी कहा जाता है। इनमें बड़े वर्टिकल एरियल्स, डोम्स, एक्टिव सिग्नल जैमर्स, रिमोट डेटोनेटिंग डिवाइसेज वगैरहा होती हैं।
कंट्रोल एंड सपोर्ट व्हीकल्स
डोनाल्ड ट्रंप के काफिले में कंट्रोल व्हीकल भी होते हैं, जो पोटस के स्टाफ, मेडिकल सुविधाएं वगैरहा होती हैं। बाकी सपोर्ट व्हीकल्स एंबुलेंस, प्रेस बस की तरह इस्तेमाल होते हैं।
लीड कार
प्रेसिडेंट की लिमोसिन के आगे एक लीड कार भी होती है, जो आगे-आगे चलती है, इसमें सिक्योरिटी स्टाफ होता है और हथियारों से लैस होती है। अकसर इसके लिए शेवरले की सबअर्बन एसयूवी इस्तेमाल की जाती है।
रूट कार और स्वीपर्स
प्रेसिडेंट के काफिले में सबसे आगे एक रूट कार भी होती है, जो एसयूवी से लेकर महंगी सेडान तक हो सकती है। डोनाल्ड ट्रंप के काफिले में अकसर BMW सेडान कार देखी जाती है। वहीं स्पीवर्स की बात करें, तो जब राष्ट्रपति का काफिला निकलता है तो मोटरसाइकिल सवार पुलिस ऑफिसर्स आगे-आगे होते हैं, जो जिनका काम होता है रूट को क्लियर करना यानी सायरन या हूटर के जरिए सड़क खाली करवाना।
हैजमैट यूनिट
अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले में एक खास ट्रक होता है, जिसे हैजमैज यूनिट बोलते हैं। आमतौर पर यह काफिले में 11वें नंबर पर होता है। इसकी खासियत होती है कि यह किसी भी रासायनिक, जैविक या परमाणु हमले से बचाव के तमाम उपकरण होते हैं। इसे हैजार्डस मटेरियल यूनिट कहा जाता है। काले रंग के इस ट्रक में कई सैंसर्स लगे होते हैं, जो इस प्रकार के किसी भी खतरे को पहले ही भांप लेते हैं।