हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि होंगे । उनके बारे में कहा जाता है कि दुष्टों के संहार के लिए वे कलियुग में अवतरित होंगे । अब वो अवतार कब आएंगे नहीं आएंगे लेकिन उससे पहले ही भारत में एक व्यक्ति खुद को स्वंभू कल्कि भगवान घोषित करने में लग गए । नाम है विजय कुमार, पहले लाइफ इंश्योरेंस के क्लर्क थे। फिर वो काम छोड़ खुद को, खुद ही से ‘कल्कि भगवान’ घोषित कर लिया। एकता के सिद्धांतों का हवाला देते हुए 1980 में एक संस्था बनाई। और फिर इसका विस्तार किया। ये विस्तार इतना विस्तारित हो गया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस ‘कल्कि भगवान’ के यहां जाना पड़ गया।
40 ठिकानों पर छापा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सूचना मिली कि ‘कल्कि भगवान’ की संस्था अपनी कमाई को छिपा रही है। सो टीम दर्शन करने पहुंच गई। 16 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में ‘कल्कि भगवान’ के 40 ठिकानों पर छापा मारा। वहां जो मिला उसे देख छापा मारने गई टीम के होश उड़ गए। जांच में पता चला कि इस संस्था के खातों में अनियमितता तो थी ही इसके पास बेहिसाब संपत्ति का भी खजाना था।
18 करोड़ रुपये के अमेरिकी डॉलर
आयकर विभाग की जांच में पता चला कि इस आश्रम के खातों में अनियमितता तो थी ही इसके पास बेहिसाब संपत्ति का भी खजाना था। रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग ने 18 करोड़ रुपये के अमेरिकी डॉलर, 88 किलो सोने के जेवरात, जिसकी कीमत 26 करोड़ रुपये आंकी गई है, 1271 कैरेट हीरा, जिसका मूल्य 5 करोड़ रुपये है, जब्त किया है। अगर ‘कल्कि भगवान’ के ठिकानों से मिले कुल अघोषित संपत्ति को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 500 करोड़ रुपए को पार कर जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयकर विभाग ने 18 करोड़ रुपये के अमेरिकी डॉलर, 88 किलो सोने के जेवरात, जिसकी कीमत 26 करोड़ रुपये आंकी गई है, 1271 कैरेट हीरा, जिसका मूल्य 5 करोड़ रुपये है, जब्त किया है। अगर ‘कल्कि भगवान’ के ठिकानों से मिले कुल अघोषित संपत्ति को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 500 करोड़ रुपए को पार कर जाता है।
आश्रम में मची थी भगदड़
साल 2008 में चित्तूर में ही कल्कि आश्रम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इसके बाद कई दिनों तक आश्रम में ताला लटका हुआ था।
यूनिवर्सिटी और अध्यात्म स्कूल
आयकर विभाग जिन ठिकानों पर छापेमारी की है, उनमें एक यूनिवर्सिटी और एक आध्यात्मिक स्कूल भी शामिल है। कल्कि भगवान का मुख्य आश्रम आंध्रप्रदेश में चित्तूर के वैरादेहपलेम में है। इस आश्रम परिसर के चारों तरफ घेरे का रूप दिया गया है। यहां पर कोई नहीं आ सकता है।
कौन है कल्कि भगवान
खुद को ‘कल्कि भगवान’ बताने वाले शख्स का नाम विजय कुमार है। उम्र 70 साल है। अपने फॉलोवर्स को ये भगवान विष्णु का 10वां अवतार बताता है। 1980 में इसने जीवाश्रम नाम की संस्था बनाई और लोगों को वैकल्पिक शिक्षा देने का काम करने लगा। इस आश्रम को विजय कुमार, उसकी पत्नी और उसका बेटा एनकेवी कृष्णा चलाता है। आयकर की जांच में सामने आया है कि इस संस्था का कारोबार देश के अलावा विदेशों में भी फैला हुआ है। इस संस्था ने विदेशों में पैसा लगाया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी इस संस्था ने जमीनें खरीदी है। इस संस्था से जुड़ने वाले में कई विदेशी भी शामिल हैं।