हॉकी की नर्सरी झारखंड ने इस देश को कई हॉकी खिलाड़ी दिये हैं, लेकिन जयपाल सिंह मुंडा जैसा खिलाड़ी इस राज्य को अब तक नहीं मिला पाया है। मरांग गोमके के नाम से मशहूर जयपाल सिंह मुंडा झारखंड के पहले ओलिंपियन थे। उनकी कप्तानी में भारत ने 1928 ओलिंपिक में पहला स्वर्ण पदक जीता था। जयपाल सिंह छोटानागपुर के मुंडा जनजाति के थे। उनका जन्म तीन जनवरी 1903 को रांची जिले के खूंटी जिले के टकरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम आमरु पाहन मुंडा था।
जयपाल सिंह अत्यंत प्रतिभाशाली थे। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अपनी कौशल का परिचय खेल में भी दिखाया। बचपन से उन्हें हॉकी खेलना पसंद था। उनकी प्रतिभा को एक अंग्रेज शिक्षक ने पहचाना और उन्हें ऑक्सफोर्ड (इंग्लैंड) के सेंट जॉन्स कॉलेज में पढ़ने के लिए ले गये। इंग्लैंड में रहकर जयपाल सिंह ने उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसी दौरान 1928 में एम्सटर्डम (नीदरलैंड) में होनेवाले ओलिंपिक के लिए उन्हें भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उन्होंने भी इस सुनहरे मौके का लाभ उठाया और अपनी अगुआई में देश को पहली बार हॉकी में स्वर्ण पदक दिलवाया। फाइनल में भारत ने मेजबान नीदरलैंड को 3-0 से पराजित किया।
आइसीएस ट्रेनिंग के दौरान ही भारतीय हॉकी टीम के कप्तान नियुक्त
1928 ओलिंपिक से ठीक पहले उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आइसीएस) में हो गया था। आइसीएस के प्रशिक्षण के दौरान ही उन्हें भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया और वे टीम के साथ नीदरलैंड चले गये। वहां से वापसी पर उन्हें आइसीएस का एक वर्ष का प्रशिक्षण दोबारा पूरा करने को कहा गया, इसके लिए वे राजी नहीं हुए और इस तरह उनका आइसीएस बनने का सपना टूट गया।
1938 में आदिवासी महासभा की अध्यक्षता ग्रहण की
जयपाल सिंह मुंडा भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के सर्वोच्च नेता थे। वह जाने-माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद भी थे। 1925 में ऑक्सफोर्ड ब्लू का अवॉर्ड पानेवाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। तत्कालीन बिहार में आदिवासियों की खराब हालत को देखते हुए उन्होंने जनवरी 1938 में आदिवासी महासभा की अध्यक्षता ग्रहण की, जिसने अलग झारखंड राज्य की स्थापना की मांग की। इसी के बाद जयपाल सिंह आदिवासियों के अधिकारों की आवाज बन गये।
खूंटी से चुनाव जीत कर पहुंचे संसद
मरांग गोमके 1952 में लोकसभा चुनाव जीत कर खूंटी से सांसद बने और संसद पहुंचे। उनकी पार्टी झारखंड पार्टी ने बिहार विधानसभा में 34 सीट और लाेकसभा में पांच सीट जीत कर अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने लोकसभा में आदिवासी हितों की जमकर वकालत की। हालांकि बाद के दिनों में उन्हें कई मामलों में आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था।
जयपाल सिंह मुंडा की जयंती के एक दिन पूर्व कचहरी रोड स्थित स्टेडियम में मरांग गोमके की प्रतिमा की साफ-सफाई शारदा फाउंडेशन के सदस्यों ने की।
जयंती पर आज खेला जायेगा मैत्री हॉकी मैच
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के जन्मदिवस के अवसर पर शुक्रवार को मोरहाबादी स्थित एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में सुबह 11 बजे से मैत्री मैच का आयोजन किया गया है। इससे पहले उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया जायेगा। इसमें खेल विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारी व हॉकी झारखंड के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
जर्जर हो गया जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम
जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर बना स्टेडियम जर्जर हो गया है। इसकी चहारदीवारी जगह-जगह से टूट चुकी है। स्टेडियम में बनायी गयी इमारत खंडहर में तब्दील हो गयी। वर्ष 2004 में इस स्टेडियम में जयपाल सिंह की मूर्ति का अनावरण सीएम अर्जुन मुंडा ने किया था, लेकिन यह भी बदहाल है। स्टेडियम के मैदान पर मिट्टी के टीले बन गये हैं।
प्रभात खबर में सुनील कुमार