बिहार में NPR के मसले पर भाजपा और जदयू में ठन गई है । विवाद की शुरुआत उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के उस बयान से हुई है जिसमे कहा गया है कि बिहार में NPR की प्रक्रिया 15 मई से शुरू होगी।
इस बयान पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और उद्योग मंत्री श्याम रजक ने गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए सुशील मोदी को आड़े हांथों लिया तथा कहा है कि NPR पर नीतीश सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। जदयू को विश्वास में लिये बिना केंद्र सरकार राज्य में NPR का काम शुरू नहीं करा सकती है।
मंत्री श्याम रजक ने कहा कि NPR पर सुशील मोदी का बयान उनकी निजी राय हो सकती है किंतु सरकार ने अब तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। श्याम रजक ने पूछा कि सुशील मोदी बतायें कि क्या NPR को लेकर राज्य कैबिनेट में फैसला हुआ है। क्या NDA विधायक दल की बैठक में कोई चर्चा हुई है।
सुशील मोदी ने अपने बयान में कहा था कि बिहार में NPR का काम 15 मई से शुरू हो जायेगा
NPR के संबंध में केंद्र सरकार फैसला ले चुकी है और किसी भी राज्य सरकार को इससे मना करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने NPR का काम करने से इंकार किया तो उसकी नौकरी जा सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
तो क्या NPR पर भी जदयू-भाजपा में ठनेगी
अब सवाल ये है कि क्या NPR पर भी जदयू और भाजपा में ठनेगी। CAA का समर्थन करने के बाद नीतीश कुमार ऐलान कर चुके हैं कि वे बिहार में NRC लागू नहीं होने देंगे। क्या NPR पर भी ऐसा ही होने जा रहा है।