दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को हुई बर्बरता से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद अब एक नया वीडियो सामने आया है। पहले वीडियो में जहां सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आए तो वहीं अब सामने आए नए वीडियो में कुछ छात्र लाइब्रेरी में घुसते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनके हाथ में पत्थर भी हैं।
इस वीडियो को पुलिस की लाठीचार्ज से ठीक पहले हुई घटना का वीडियो बताया जा रहा है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ छात्र लाइब्रेरी में घुस रहे हैं। वहीं लाइब्रेरी में घुसने वाले छात्रों के हाथ में पत्थर दिखाई दे रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्रों के लाइब्रेरी में घुसने के बाद लाइब्रेरी के दरवाजे को बंद कर दिया जाता है।
जामिया CCTV फुटेज मामले में नया मोड़ आ गया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और अल्युमनाई के संगठन Jamia Coordination Committee (JCC) ने 15 फरवरी की देर रात 45 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया था। ये वीडियो 15 दिसंबर 2019 का बताया जा रहा था। इसी दिन दिल्ली पुलिस ने जामिया कैंपस में घुसकर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। वीडियो रिलीज करते हुए JCC ने दावा किया था कि पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे छात्रों पर बल प्रयोग किया।
अब इंडिया टुडे को एक नया फुटेज मिला है। ये फुटेज JCC द्वारा जारी वीडियो के ठीक पहले का बताया जा रहा है। इस फुटेज में एक लड़का लोगों को लाइब्रेरी के अंदर घुसाते हुए दिख रहा है। दरवाजे को बंद करने के बाद लाइब्रेरी के दरवाजे के आगे कंप्यूटर डेस्क को भी घसीटते हुए देखा जा सकता है। ताकि दरवाजे को कोई आसानी से खोल न सके। एक के हाथ में पत्थर भी है। कहा जा रहा है कि हिंसा फैलाने वालों ने लाइब्रेरी में शरण ली। और पुलिस के आते ही किताब खोलकर पढ़ने का ड्रामा करने लगे। फिलहाल क्राइम ब्रांच एसआईटी इस सीसीटीवी की जांच कर रही है।
What happened in #Jamia on December 15? India Today accesses the #exclusive video। @arvindojha’s report।
LIVE https://t।co/4fqxBVUizL pic।twitter।com/qrsTsFuDw3— India Today (@IndiaToday) February 16, 2020
लेकिन पुलिस के लाठीचार्च को कहां तक जायज ठहराया जा सकता है? सवाल तो बनता है, अगर पुलिस हिंसक प्रदर्शनकारियों को ढूंढ़ने के लिए लाइब्रेरी में घुसी तो आम छात्रों को क्यों पीटा गया? पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर जा सकती थी, इसके बावजूद बल प्रयोग क्यों किया गया?
JCC द्वारा रिलीज किए गए वीडियो पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और शशि थरूर ने गुस्सा जाहिर किया था। उन्होंने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए थे।
इस पूरे मामले पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा,
Union HRD Minister Ramesh Pokhriyal Nishank: Be it JNU, Jamia or other institutions, all of them are very good। Main shuru se is baat ka pakshdhar raha hoon, jo bhi in sansthanon ki garima ko girane ka kaam karega, usko kisi kimat par bardasht nahi kiya jayega। pic।twitter।com/sYlx4kx4L4
— ANI (@ANI) February 16, 2020
JNU हो, जामिया हो या कोई और संस्थान, सभी बहुत अच्छे हैं। मैं शुरू से इस बात का पक्षधर रहा हूं, जो भी इन संस्थानों की गरिमा को गिराने का काम करेगा, उसको किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
JCC जामिया का हिस्सा नहीं है
इस वीडियो पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अज़ीम ने कहा था,
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) की ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरी में पुलिस की बर्बरता का वीडियो हमारे नोटिस में आया है। ये वीडियो यूनिवर्सिटी की तरफ से नहीं जारी किया गया है।
JCC यूनिवर्सिटी की आधिकारिक इकाई नहीं है। JCC का बयान यूनिवर्सिटी का आधिकारिक वर्जन नहीं है।
Ahmad Azeem, Jamia Millia Islamia University PRO: Prima facie, the CCTV footage seems to be of MPhil। & Ph।D। section in Dr। Zakir Husain Library। We have also come to know that the footage has been released by Jamia Coordination Committee। Delhi Police is investigating the case। https://t।co/L2knkXqmyQ pic।twitter।com/NTSN5tAK4K
— ANI (@ANI) February 16, 2020
अभी तक दोनों वीडियोज की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा, इन वीडियोज के पीछे की सच्चाई क्या है?
पहले वीडियो में क्या था?
वहीं इस वीडियो से पहले जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक वीडियो जारी किया था. जिसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आए हैं. कमेटी का दावा है कि 15 दिसंबर को जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन हुआ तो उस दौरान पुलिस ने जामिया के अंदर पढ़ रहे छात्रों पर लाठियां बरसाईं.