बिहार के तीन स्कूली बच्चे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) जाएंगे। वे वहां करीब दो सप्ताह तक रहेंगे। देश के चर्चित वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन उन्हें मिलेगा। हालांकि ये तीन बच्चे कौन होंगे, इसका फैसला खुद इसरो ही करेगा। बच्चों का चयन करने के लिए इसरो ने अगले 24 फरवरी से साइंस विषय और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में रुचि रखने वाले बच्चों को उसके साइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करने को कहा है। चयन के लिए सिर्फ 9वीं कक्षा में अध्ययन कर रहे बच्चे ही योग्य माने जाएंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, बेंगलूरू के चेयरमैन डॉ. के शिवन ने बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार को बिहार से तीन बच्चों के इसरो प्रवास के लिए चयन को लेकर पत्र लिखा है। उनका पत्र मिलते ही मुख्य सचिव ने इसे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन को भेजा है। शिक्षा विभाग ने अब बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) को राज्य के नौवीं कक्षा के बच्चों को इस कार्यक्रम को लेकर जागरूक करने तथा अधिकाधिक बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
गौरतलब हो कि इसरो ने स्कूली बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम की योजना बनायी है। इसे युवा विज्ञानी कार्यक्रम अर्थात संक्षेप में ‘युविका’ नाम दिया गया है। इसका मकसद भविष्य का विज्ञानी तैयार करना है। देश के नवनिर्माण के लिए युवाओं में विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (स्ट्रीम) को लेकर उनमें ललक तथा उत्साह पैदा करना है। इसरो चेयरमैन के मुताबिक बच्चों का यह विशेष कार्यक्रम करीब दो सप्ताह का होगा और फिलहाल 11 से 22 मई, 2020 को आयोजित होना संभावित है।
सभी राज्यों से चयनित होंगे 3-3 बच्चे
बच्चों के इसरो में इस प्रवास के दौरान उनकी बातें सुनी जाएंगी, उन्हें प्रमुख वैज्ञानिकों से संवाद का अवसर मिलेगा। इसरो के सभी फैकल्टी से वे मिलेंगे, यहां के लैब की सुविधाओं को जानेंगे। उनके अनुभव में विस्तार के लिए प्रैक्टिल और फीडबैक सेशन भी होगा। विशेष कार्यक्रम ‘युविका’ के तहत सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों से 3-3 बच्चों का चयन दो सप्ताह तक इसरो प्रवास के लिए किया जाएगा।