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बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के निधन के बाद उनके फैंस सदमे में हैं। उनके चाहने वालों को अभी तक यकीन नहीं हो रहा है कि इरफान खान उनके बीच से चले गए हैं। ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे इरफान खान को कोलन इंफेक्शन बढ़ने पर मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली। इरफान खान के निधन के बाद उनसे जुड़ी कई अनसुनी बातें सामने आ रही हैं। अब फिल्म इंग्लिश मीडियम की शूटिंग के दौरान राजस्थान के उदयपुर में इरफान खान के ड्राइवर रहे शख्स ने उनके बारे में कुछ और चौंकाने वाली बातें बताई हैं।
‘दैनिक भास्कर’ की खबर के मुताबिक, ये बात पिछले साल की है, जब फिल्म इंग्लिश मीडियम की शूटिंग के लिए इरफान खान राजस्थान के उदयपुर आए थे। यहां इरफान खान को होटल से लाने और ले जाने की जिम्मेदारी नरपत सिंह आसिया नाम के ड्राइवर की थी, जो इस दौरान उनसे काफी घुलमिल गए। इरफान के निधन की खबर जब नरपत सिंह ने सुनी तो वो रो पड़े। नरपत सिंह ने इरफान के बारे में बात करते हुए बताया कि वो अक्सर शूटिंग के बाद उनके घर आते थे और उनकी मां के हाथ की बनी चाय पीते थे।’
‘शिव मंदिर में जल चढ़ाने के बाद गाय को खिलाते थे चारा’
नरपत सिंह ने उन दिनों की याद करते हुए आगे बताया, ‘इरफान खान जब होटल से शूटिंग के लिए निकलते तो सीधे वहां नहीं जाते थे, बल्कि सबसे पहले उदयपुर के एक शिव मंदिर में जाते थे। इरफान वहां जाकर भगवान महादेव की मूर्ति पर जल चढ़ाते और मंदिर में मौजूद गाय को चारा भी खिलाते। इरफान खान जितने दिन उदयपुर में रहे, वो रोज उस मंदिर में जाते थे। शिव मंदिर में जल चढ़ाने के बाद ही इरफान खान शूटिंग के लिए जाते थे।”
इरफान के निधन के बाद उनकी पत्नी सुतापा सिकदर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट लिखी थी, जो काफी वायरल हुई। इस पोस्ट में सुतापा ने लिखा, ‘मैंने खोया नहीं मैंने हर तरह से हासिल किया है।’ इसके बाद एक और बयान जारी करते हुए सुतापा ने कहा, ‘केवल एक चीज है, जिसकी मुझे उनसे शिकायत है, उन्होंने मुझे जिंदगी भर के लिए नुकसान दे दिया है। उनकी परफेक्शन के लिए कोशिश, मुझे किसी भी चीज में सामान्य नहीं रहने देती। एक लय थी, जो उन्होंने हमेशा हर चीज में देखी थी, परेशानी में भी। तो मैंने उस लय के संगीत पर गाना और नाचना सीख लिया था। हमारी जिंदगी अभिनय की मास्टर क्लास थी इसलिए जब ‘एक बिन बुलाए मेहमान’ ने प्रवेश किया तो सीखा कि कैसे सामंजस्य बैठाना है।’
सुतापा ने आगे कहा, ‘ये समझाना मुश्किल है कि यह यात्रा कितनी शानदार, रोमांचक और दर्दनाक रही है। हमें साथ में 35 साल हो चुके थे। यह एक शादी नहीं थी, बल्कि एक जुड़ाव था। मैं अपने छोटे से परिवार को देखती हूं, मेरे दोनों बेटे बाबिल और अयान के साथ। इरफान उन्हें रास्ता सिखाते हुए कहते थे ‘वहां नहीं, यहां से मोड़ो’ लेकिन जिंदगी सिनेमा नहीं और ना ही यहां कोई रीटेक होता है। आंखों से आंसू बहेंगे। हम रात की रानी का पेड़ लगाएंगे, जो उनका पसंदीदा था। इसमें समय लगता है, लेकिन यह खिलेगा और खुशबू फैल जाएगी और उन सभी को छू लेगी, जिन्हें मैंने उनके प्रशंसक नहीं बल्कि उनका परिवार कहा है।’
आपको बता दें कि इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। मार्च 2018 में इरफान को अपनी बीमारी का पता चला था। इसका उन्होंने लंदन में इलाज भी कराया था। अप्रैल 2019 में भारत लौटने के बाद इरफान ने ‘अंग्रेजी मीडियम’ फिल्म की शूटिंग की थी। मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले इरफान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र रह चुके थे। छोटे पर्दे पर उन्होंने ‘भारत एक खोज’ में भी काम किया था और इसके बाद वो फिल्मों में आए। ‘मकबूल’, ‘लाइफ इन अ मेट्रो’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘पीकू’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘हासिल’, ‘पान सिंह तोमर’ जैसी फिल्मों ने उन्हें एक अलग मुकाम दिया।
इनपुट – दैनिक भाष्कर
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