आंख, दांत, दिल और गुर्दे जैसे बॉडी पार्ट्स के लिए तो हम लोग बड़ा सतर्क रहते हैं, लेकिन फेफड़े का नाम आते ही हमारी हवा खराब हो जाती है. ये हमेशा ढंग से काम करते रहते हैं और हमें परेशान नहीं करते, इसलिए हम इनकी ज्यादा फिक्र भी नहीं करते. लेकिन अगर ऐसे ही चलता रहा तो बड़ा पंगा हो सकता है. पढ़ लो. जरूरी है.
- थोड़ी तो कोशिश कल्लो यार
आपके शरीर में जित्ते अस्थि-पंजर हैं, सबकी सेक्योरिटी का इंतजाम रहिता है आपके शरीर के पास. फेफड़ों को धूल से बचाना हो या जर्म्स से, आपकी बॉडी ने हर चीज के लिए नेचुरल इंतजाम कर रखा है. करना आपको सिर्फ इत्ता है कि साफ-सुथरा खाना खाओ और अपनी लाइफस्टाइल थोड़ा सिंपल रखो. बाकी काम खुद ही हो जावेगा.
- फिक्र को धुएं में उड़ाना छोड़ो
पहिली बात तो ये कि बहाने बनाना छड्डो. ये टेंशन मिटाने की आड़ में कुकर्म तुम करते हो और झेलना पड़ता है फेफड़ों को. और सिगरेट से सिर्फ फेफड़ों की नहीं, बल्कि शरीर के कई उर्जों-पुर्जों की ऐसी-तैसी हो जाती है. और ये मत समझना कि दूसरा पिएगा तो सिर्फ उसी का नुकसान होगा. फुंकेले भाइयों के साथ बैठोगे तो तुम्हारे फेफड़ों में भी उनके जितना जहर जाएगा.
- जहां हवा खराब हो, मत जाओ
देखो एक्सरसाइज करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ऐसी एक्सरसाइज का क्या फायदा जो आपके फेफड़ों को धूल फंका दे. तो जब हवा खराब हो, तब बाहर एक्सरसाइज करने मत जाओ. सड़कों पर कंक्रीट से उठने वाली धूल अच्छा-खासा नुकसान कर सकती है आपका और कार का धुआं… आह्ह माशल्लाह. फेफड़े किलप कर रह जाते हैं एकदम.
- घर में हवा साफ करने वाली मशीनें लगाओ
मशीन सुनकर चौंको मत. पौधों की बात हो रही है यहां. स्पाइडर प्लांट्स, मनी प्लांट्स, एलोवेरा और बोस्टन फर्न्स जैसे कुछ पौधे मिलते हैं बाजार में. दौड़ के खरीदने जाओ और भाग कर आओ. इससे घर के अंदर की हवा साफ होने लगेगी. और हां, 100 स्क्वायर फिट में दो ही लगाना. घर को अमेजन का जंगल नहीं बनाना है.
- नौकरी अपनी जगह, फेफड़े अपनी जगह
क्या आपकी नौकरी ने आपके फेफड़ों से दुश्मनी कर ली है? अगर हां तो तैयार हो जाइए अपनी जिंदगी में अस्थमा का स्वागत करने के लिए. कंस्ट्रक्शन साइट से लेकर ब्यूटी पार्लर तक, हर जगह ये खतरा रहता है गुरू. संभलकर.
- इन्फेक्शन को हल्के में मत लेना
ठंड लग गई? इन्फेक्शन हो गया? खांसी-जुकाम है? तो घर में बइठो न यार. काहे चौराहे पर मजा लेने जाते हो. देखो घर में रहोगे तो हाथ-वाथ धुलते रहोगे, दूसरों को इन्फेक्शन नहीं दोगे, लेकिन बाहर तो ऐसा कुछ होगा नहीं. इन्फेक्शन को हल्के में मत लेना, वरना फेफड़े भारी हो जाएंगे.
- एरोबिक एक्सरसाइज करो न मेरे दोस्त
आओ अब तुम्हें पसीना निकालना सिखाएं. नियम बना लो कि हफ्ते में कम से कम पांच दिन ऐसी एक्सरसाइज जरूर करोगे, जिससे बनियान भिगो देने भर का पसीना निकले. जइसे… जइसे तेज-तेज चलना, धीरे-धीरे दौड़ना, जॉगिंग करना. इसके आपके फेफड़े चमत्कारी तरीके से स्वस्थ रहेंगे और ऐसा महसूसेंगे जैसे उमर हो 17 साल.
- कम फैट वाले खाने से फेफड़े की दोस्ती है
देखो दोस्त, जितनी खातिर गर्लफ्रेंड की करते हो, उतनी ही फेफड़ों की भी करनी पड़ती है. तो मार्केट जाओ और ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी जैसी सब्जियां लाओ. इससे फेफड़ों पर कृपा बरसनी शुरू हो जाएगी. पैसे बच जाएं तो अनार, सेब और संतरा भी लेते आना. फेफड़े खुश रहेंगे.
- वॉर्निंग मिले तो लपक लो
सांस लेने में दिक्कत हो रही है, फेफड़े घरघरा रहे हैं, छाती पिरा रही है, खांसने समय खून फेंके दे रहे हैं तो भइया, इंतजार मत करो और सीधे डॉक्टर की तरफ कूच करो. और जितनी जल्दी हो सके, ये बलगम में शक्कर मिलाकर रबड़ी का मजा लेना बंद करो. बहुत भारी पड़ जाएगा वरना.
- अपनी हरकतों का बोझा फेफड़ों पर मत डालो
देखो न कहने की आदत आपके साथ-साथ आपके फेफड़ों के लिए भी बहुत जरूरी है. तो काम का एक्सिलेटर धर के दबाने के बजाय आराम-आराम से काम करो. 7-8 घंटे चौड़े होकर सोओ और हर 4-6 महीने में हेल्थ चेकअप कराओ. फेफड़े अपना इलाज खुद करते रहते हैं, ऐसे में उनकी बीमारी जल्दी पकड़ में नहीं आती है और देर होने के बाद ‘हाय दइय्या’ कहने के अलावा कोई चारा नहीं बचता.
साभार – दलल्लनटॉप