
पक्के तौर पर कोई नहीं जानता कि टीना आमिर का तलाक क्यों हुआ लेकिन मेरा अपना अनुमान है कि संभवत: टीना ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया और यही मनाही तलाक का कारण
जो लोग ये कहते हैं कि स्पेशल मैरिज एक्ट ऐसे अंतर्धार्मिक विवाह के लिए ही है उन्हें इस मामले को जरूर एक नजीर की तरह देखना चाहिए। टीना डाबी और अतहर आमिर की शादी अदालत में हुई थी। जयपुर की अदालत में कोर्ट मैरिज। लेकिन मुसलमान ऐसे कोर्ट कचहरी की शादियों को स्वीकार करता नहीं है। उसके सामने सबसे बडी बाधा है उसकी एकमात्र किताब जो कहती है कि किसी काफिर से तब तक निकाह न करो, जब तक वह इस्लाम कबूल न कर ले।
अब दुनिया को दिखाने के लिए अतहर ने कोर्ट मैरिज तो कर लिया लेकिन संभवत: उसके अपने समुदाय में टीना डाबी की स्वीकार्यता नहीं बनी। अगर टीना इस्लाम कबूल कर लेंती तो शायद सब सही हो जाता। लेकिन संभवत: उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और अंतत: टीना डाबी ने अपने आपको रिश्ते से बाहर कर लिया।अभी दो तीन महीने पहले कानपुर से जिस शालिनी यादव को भगाकर गाजियाबाद में कोर्ट मैरिज करवाया गया था उसका सच ये था कि उसके बाद उसे इस्लाम कबूल करवाया गया और निकाह करवाकर शादी की रस्म को पूरा किया गया।
इस्लाम की समस्या ये है कि वह अपने अलावा किसी और के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता। न धर्म, न समुदाय, न समाज, न आस्तिक और न नास्तिक। इसलिए स्पेशल मैरिज एक्ट हो या और भी कोई अन्य उदारतापूर्ण व्यवस्था। सच्चा मुसलमान हर उस व्यवस्था का इस्तेमाल अपने विस्तार के लिए करता है। लेकिन टीना डाबी जैसी साहसी और निडर लड़कियों का सम्मान करना चाहिए जो सच जानने के बाद किसी समझौते से इंकार कर देती हैं, वरना न जाने कितनी बड़ी जनसंख्या है जो ऐसे ही मोहब्बत के झांसे में फंसकर गिरोह के कब्जे में चली जाती हैं थोड़े समय में सच भी जान जाती है लेकिन सच जानने के बाद भी बाहर निकलने का साहस नहीं कर पाती। टीना डाबी ने किया और अंधे कुएं से बाहर निकल गयीं।
-Sanjay Tiwari Visfot(यह लेखक के अपने विचार हैं)