पीएम मोदी ने मन की बात कहते हुए आज थोड़ा भावूक हो गए । अपने संबोधन में उन्होने बिहार और यूपी के मजदूरों का जिक्र करते हुए कहा कि मैं क्षमा चाहता हूँ । आपकी तकलीफें देखकर रोना आ रहा है । लेकिन मैं क्या करता मैं मजबूर हूँ । आपको बचाने का यही एकमात्र तरीका था ।
Talking about aspects relating to COVID-19 during #MannKiBaat https://t.co/JJpOShFBpB
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2020
उन्होने डाक्टरों और नर्स को त्याग के बारे में बताया कि जब भी मैं उनके त्याग को देखता हूँ तो मुझे आचार्य चरक की याद आ जाती है । आचार्य चरक ने कहा है कि, जो धन और किसी खास कामना को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की सेवा के लिये, दया भाव रखकर कार्य करता है वही सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है ।
उन्होने आगे कहा कि इस लड़ाई में अनेको ऐसे योद्धा है जो घरों में नहीं है । हमारे फ्रंट लाइन सोल्जर हैं । खासकर के हमारी नर्सेज बहने, पारा मेडिकल स्टॉफ ऐसे लोग जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं । उनका समर्पण काबिले तारीफ है ।