Happy Birthday Sourav Ganguly: भारतीय टीम ने यूं तो साल 1983 में ही कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था, लेकिन इसके बाद भारतीय टीम विदेशी सरजमीं पर उतनी आक्रामक नजर नहीं आई थी। कई कप्तान इस बीच बदल गए, लेकिन असल में भारतीय टीम की सूरत सौरव गांगुली की कप्तानी में बदली।
इस विरासत को आगे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने आगे बढ़ाया। गांगुली अब बीसीसीआइ के बॉस हैं।बतौर कप्तान भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मदद करने वाले सौरव गांगुली आज अपना 48वां बर्थडे मना रहे हैं। दादा के नाम से विश्व क्रिकेट में मशहूर सौरव गांगुली ने खिलाड़ियों के अंदर वो आत्म विश्वास पैदा किया था, जिसकी कमी पिछले करीब दो दशक से देखी जा रही थी।
कप्तानी तो खुद क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी कर चुके थे, लेकिन न तो खुद उनको सफलता मिली और न ही टीम को कोई बड़ी सफलता मिली थी।
90 का दशक बदल चुका था, नई सदी आ चुकी थी और भारतीय टीम को सौरव गांगुली के रूप में कप्तान नियुक्त किया गया। करीब एक दशक तक देश की कप्तानी करने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन भी वो काम नहीं कर पाए थे, जो काम सौरव गांगुली ने कर दिखाया। कोई आइसीसी इवेंट्स सौरव गांगुली देश को नहीं दिला पाए, लेकिन उन्होंने साल 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम को पहुंचाया था। इसके अलावा आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल भी भारत ने खेला था।
कप्तानी के आंकड़ों की बात करें तो सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की, जिसमें से भारत ने 21 टेस्ट मैच जीते थे। किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा जीते गए ये सबसे ज्यादा टेस्ट मैच थे। इस रिकॉर्ड को एमएस धौनी ने तोड़ा था, जबकि धौनी के रिकॉर्ड को कप्तान विराट कोहली तोड़ चुके हैं। वनडे क्रिकेट में गांगुली ने 146 मैचों में कप्तानी की, जिसमें 76 मैच भारत ने जीते थे। इसमें विदेशी सरजमीं पर नेटवेस्ट ट्रॉफी में मिली जीत भी शामिल थी।
एक कप्तान का काम टीम का आगे से बढ़कर नेतृत्व करना होता है। ये काम गांगुली को बखूबी समझ आता था। यही कारण था कि वे अहम मौकों पर बिना किसी डर के खुद गेंदबाजी करने आ जाया करते थे। बतौर बल्लेबाज तो उनको ऑफ साइड का गॉड कहा जाता था, लेकिन मीडियम पेस गेंदबाजी से भी वे अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने की क्षमता रखते थे। यही वजह है कि टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 32 विकेट और वनडे क्रिकेट में 100 विकेट लेने का रिकॉर्ड है।
कोलकाता में जन्मे और फिर प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से फेमस हुए बाएं हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली की जोड़ी सचिन तेंदुलकर के साथ खूब जमती थी। बतौर ओपनर सबसे ज्यादा बार शतकीय साझेदारी करने का दोनों का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। हालांकि, बाद में उनकी जगह वीरेंद्र सहवाग ने बतौर ओपनर ले ली थी, लेकिन टीम की वजह से उनको कभी इस पर सवाल नहीं उठाए और वे खुद नंबर 3 पर खेलने लगे।
Input – DailyBihar