देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने वरिष्ठ अधिकारियों के सेवा विस्तार के लिए समीक्षा की व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके अलावा बैंक की ओर से कर्मचारियों के लिए वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीम लाने की भी तैयारी है। वीआरएस पर अभी सरकार की मंजूरी मिलनी बाकी है, लेकिन एसबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन ने ऐसी स्कीम का कड़ा विरोध किया है।
बैंक ने अपने हालिया सर्कुलर में कहा है कि कर्मचारियों के सेवा विस्तार देने में उनके प्रभाव और उद्देश्य का आकलन करने के लिए इवेल्युएशन की व्यवस्था अपनाई गई है। सेवा विस्तार देने के लिए पहली बार समीक्षा कर्मचारी के 30 साल पूरा करने या फिर 55 साल की उम्र के हो जाने के बाद की जाएगी। इसमें यदि कर्मचारी योग्य पाए जाते हैं तो उन्हें 58 साल तक की आयु के लिए विस्तार दिया जाएगा। बता दें कि एसबीआई में कुल 2.50 लाख कर्मचारी हैं।
पहली समीक्षा के बाद 58 साल की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों का एक बार फिर से रिव्यू किए जाएगा। इसमें सफल पाए जाने पर ही उन्हें 60 साल तक की नौकरी का मौका मिलेगा। समीक्षा में कर्मचारियों और अधिकारियों के 100 में से 65 अंक आने चाहिए। यदि अंक इससे कम आते हैं तो फिर संबंधित कर्मचारी की रिपोर्ट रिव्यू कमिटी को भेजी जाएगी। यहां कर्मचारी के सेवा विस्तार, शॉर्ट टर्म विस्तार या फिर एक्सटेंशन न देने पर फैसला लिया जाएगा।
ऐसे कर्मचारी जिन्हें 65 से अधिक अंक प्राप्त हुए हों, उन्हें सेवा विस्तार के लिए योग्य माना जाएगा और उनके नाम को कंपीटेंट अथॉरिटी के सेक्शन के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा नए नियमों में ऑफिसर के व्यवहार, साख, अनुपालन और इंटीग्रिटी को भी मापदंड माना गया। साथ ही ऑफिसर के सीनियर्स और अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ व्यवहार, बैंक के लिए उपयोगिता, सोशल मीडिया वायलेशन, कस्टमर सर्विस के प्रति व्यवहार आदि भी रेटिंग का हिस्सा होंगे।
फिलहाल एसबीआई के किसी कर्मचारी को 50 साल की आयु के बाद या फिर नौकरी के 25 वर्ष पूरे होने के बाद रिटायरमेंट दिया जा सकता है। ऐसे कर्मचारियों को रिटायरमेंट देते हुए तीन महीने की सैलरी दी जाती है और अन्य रिटायरमेंट बेनेफिट दिए जा रहे हैं। इसके अलावा कंपीटेंट अथॉरिटी की ओर से 20 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों को भी नौकरी से रिटायर किया जा सकता है।