सस्ती कॉल और डाटा का दौर जल्द खत्म होने वाला है। इसका अंदेशा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने करा दिया है। TRAI कॉल और डेटा (Call & Data) के लिए न्यूनतम शुल्क दर तय करने की उद्योग की मांग पर विचार कर सकता है। इससे दूरसंचार उद्योग की वहनीयता सुनिश्चित हो सकेगी। दूरसंचार नियामक पूर्व में न्यूनतम शुल्क दर या शुल्क दर की सीमा तय करने के लिए हस्तक्षेप से इनकार करता रहा है।
ट्राई के रुख में यह बदलाव भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के प्रमुख सुनील मित्तल द्वारा बुधवार को दूरसंचार सचिव से मुलाकात के बाद आया है। मित्तल ने दूरसंचार सचिव से डेटा के लिए न्यूनतम शुल्क या न्यूनतम दर तय करने की मांग की है।
ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने एवीआईए इंडिया वीडियो-360 के कार्यक्रम में कहा कि दूरसंचार शुल्क पिछले 16 साल से कठिन परिस्थितियों में भी नियंत्रण में रहे हैं और यह बेहतर तरीके से काम करते रहे हैं। और अब नियामक उद्योग की न्यूनतम शुल्क तय करने की मांग पर गौर कर रहा है। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो द्वारा नि:शुल्क वॉयस कॉल और सस्ते डेटा की पेशकश से उद्योग में काफी अफरातफरी रही। उसके बाद अन्य कंपनियों को भी शुल्क दरें कम करनी पड़ीं।
ट्राई के चेयरमैन ने कहा, ‘‘दूरसंचार कंपनियों ने हाल में हमें एक साथ लिखा है कि हम उनका नियमन करें। यह पहली बार है। पूर्व में 2012 में मुझे याद है कि उन्होंने शुल्कों के नियमन के टाई के प्रयास का कड़ा विरोध किया था। उनका कहना था कि शुल्क दरें उनके लिए छोड़ दी जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि नियामक तीन सिद्धांतों उपभोक्ता संरक्षण, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और उद्योग की वृद्धि पर काम करता है। ट्राई ने पूर्व में दूरसंचार कंपनियों को दरें तय करने की अनुमति दी है और उनके द्वारा हस्तक्षेप के लिए कहे जाने पर ही दखल दिया है।