नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बिहार में लोगों के अंदर भय पैदा कर दिया है । बिहार की सभी नदिया खतरे के निशान से उपर हैं । राज्य के बागमती, कमला और गंडक के इलाके में बाढ़ का खतरा और भी गहरा गया है। वहीं, फरक्का में गंगा के खतरे के निशान के ऊपर पहुंचने के बाद देर रात बराज के कुछ गेट खोले गए। इसके बाद खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा के जलस्तर में 5 सेंटीमीटर की कमी आई लेकिन अब भी वहां गंगा लाल निशान से ऊपर है।
देर रात जल संसाधन मंत्री ने ट्वीट किया कि मुजफ्फरपुर, चंपारण, गोपालगंज, वैशाली व सारण जिले के निचले इलाकों से लोगों को एहतियातन शिफ्ट किया जा रहा है। इससे पहले मुख्य सचिव ने संबंधित जिलों के डीएम से कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सतर्क करने के लिए लगातार माइकिंग कराई जाए।
सरकार ने नौ जिलों दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर तथा बेगूसराय के डीएम काे अलर्ट किया है। इसमें कहा गया है कि सूबे की नदियां फिर से 14 जुलाई के ट्रेंड में आ सकती हैं और रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच सकती हैं, लिहाजा बेहद सतर्कता की जरूरत है। इंजीनियरों को तटबंधों की चौकसी को कहा गया है। सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही 206 मिमी बारिश हुई जिससे 31 साल पहले 1989 में 202 मिमी बारिश का रिकॉर्ड टूट गया।
फरक्का बराज के गेट खोलने से बिहार के जिलों में कम होने लगा गंगा का जलस्तर
गंगा नदी का जलस्तर अब लगातार कम हो रहा है। फ़रक्का में गंगा के खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद बिहार में भी इसके जलस्तर में वृद्धि की आशंका थी। पूर्व के क्षेत्र में तो इसका प्रभाव दिखने भी लगा था। कहलगांव में इसका जलस्तर खतरे के निशान से 17 सेंटीमीटर नीचे रह गया था। अब गंगा का जलस्तर बक्सर, पटना, मुंगेर और भागलपुर में कम हो रहा है लेकिन अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। सिर्फ़ कहलगांव में ही उसका जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा था।
नेपाल और बिहार के कई हिस्सों में तीन दिन तक भारी बारिश की आशंका, बढ़ेगा जलस्तर : इधर, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 72 घंटे में राज्य की सभी प्रमुख नदियां राइजिंग ट्रेंड में रहेंगी। नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना है। 14 जुलाई के आसपास नदियों के जलस्तर की जो स्थिति बनी थी, उसी लेवल पर जलस्तर के पहुंचने की संभावना है।
दरभंगा में 2 व गोपालगंज में 3 राहत शिविर, कई जिलों में कम्युनिटी किचेन चल रहे हैं : आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज व पूर्वी चम्पारण की 153 पंचायतों में 3 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। दरभंगा में 2, गोपालगंज में 3 राहत शिविर चल रहे हैं। गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी चंपारण, दरभंगा में 29 कम्युनिटी किचेन में प्रतिदिन 28000 लोग भोजन कर रहे हैं।
सीएम ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को अलर्ट रहने को कहा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में नदियों के कैचमेंट क्षेत्र के निचले इलाकों और खासकर गंडक से जुड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्य में भारी बारिश को देखते हुए बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह तैयार रहने के साथ ही राहत केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निचले इलाकों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गए लोगों के बीच राहत कार्य पूरी तत्परता के साथ चलाया जाए। सभी संबंधित जिलों में एसओपी के हिसाब से व्यवस्था की जाए। जिन क्षेत्रों से आबादी को दूसरे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, उन क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को संवेदनशील और दबाव वाले स्थलों पर पूरी तरह अलर्ट रखें। ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके। जिलों में पहले से तैनात एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए ताकि किसी भी प्रतिकूल स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।