कभी हमारे गुरुकुलों ने ही भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिलाया था , हमारे वेदों को वामपंथी और मुगल सोच ने साम्प्रदायिक घोषित करवा कर समाज से दूर कर दिया था । लेकिन उन्ही वेदों के आधार पर विदेशो में कई शोध किये गये और भारत में मात्र वोटों की राजनीति होती रही । मैकाले शिक्षा पद्धति पर आज भी उँगलियाँ उठती है और उसके निदान के रास्ते भी तलाशे जाते हैं लेकिन वर्तमान सरकार में कुछ लोगो ने अब हमारी शिक्षा के मूल को तलाश कर उस पर कार्य भी करना शुरू कर दिया है ।
विश्व के कल्याण की कामना रखने वाला हिन्दू समाज उस समय आनंदित हो उठा जब उसको दुबारा गुरुकुल की आहट सुनाई दी । वो स्थल जहाँ फिर से वेदों के मन्त्र गूंजेंगे वो तैयार हो रही है गुरुग्राम में । संसार के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का उपांग विश्व हिंदू परिषद (VHP) अपनी पहली यूनिवर्सिटी शुरू करने जा रहा है । इस युनिवर्सिटी का नाम श्रीराम मंदिर आंदोलन के प्रणेता रहे और हिन्दू हृदय सम्राट कहे जाने वाले स्वर्गीय अशोक सिंघल जी के नाम पर होगा ।
इस वेद विश्वविद्यालय का नाम होगा अशोक सिंहल वेद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जिस में अगले साल से पढ़ाई शुरू हो जाएगी । ख़ास बात ये है कि प्राचीन परम्परा को ध्यान में रखते हुए यहां पर कुछ क्लास को पेड़ के नीचे भी लगाया जाएगा । जैसे प्राचीन काल में होता था । इसके अलावा वैदिक मंत्र और गीता के पाठ को सुबह से शाम तक विभिन्न माध्यमों से कैंपस में लोगों को सुनाया जाएगा । कैंपस में एक वैदिक टावर भी बनाया जाएगा, एक ऑडियो-विजुअल स्टूडियो के साथ जिसके अलग-अलग फ्लोर पर हर वेद और उससे जुड़ा साहित्य मौजूद होगा ।
इन तमाम चीजो के साथ साथ यहां पर सुरभि सदन (गौशाला), मंदिर और मेडिटेशन हॉल के अलावा यज्ञ शाला भी होगी । ये यूनिवर्सिटी गुरुग्राम में 39.68 एकड़ में तैयार हो रही है । इसका निर्माण कई चरणों में किया जाएगा ।
‘अशोक सिंघल वेद विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय’ के पहले शैक्षणिक सत्र में 20 सब्जेक्ट पढ़ाए जाएंगे. इसमें जो विषय पढ़ाए जाएंगे, जिसमें युद्धतन्त्रम विषय प्रमुख होगा’
यह यूनिवर्सिटी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2019 का भी पालन करेगी । इस युनिवर्सिटी के खोले जाने की शुरुआत से हिन्दू समाज बेहद हर्षित है और इसको सत्य सनातन की संस्थापना में एक मील का पत्थर प्रयास बता रहा है ।
साभार – सुदर्शन न्यूज