नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहा किसानों का प्रदर्शन और बड़ा स्वरूप ले सकता है. केंद्र सरकार ने कृषि कानून में संशोधन का जो प्रस्ताव किसान संगठनों को दिया था, उसे खारिज कर दिया गया है. केंद्र की तरफ से किसानों के पास संशोधित प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन किसान संगठन ने इसे खारिज करते हुए ऐलान किया है कि वह किसान आंदोलन को और तेज करेंगे.
किसान संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार इस जिद पर अड़ी हुई है कि वह कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो हम भी सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है. 15 दिसंबर तक के किसान संगठनों ने जयपुर हाईवे को बंद करने का भी ऐलान किया है. किसान संगठनों के नेता ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में 500 ट्रैक्टर का नया जत्था दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच जाएगा और दिल्ली के सभी बॉर्डर को अब सेल कर दिया जाएगा.
केन्द्र सरकार की तरफ से बुधवार को कृषि कानूनों पर संशोधन को लेकर भेजे गए लिखित प्रस्ताव पर किसान संगठनों की तरफ से शाम पांच बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी. किसान और सरकार के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा- “भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा- किसान वापस नहीं जाएंगे. यह सम्मान का मामला है. क्या सरकार कानूनों को वापस नहीं लेगी? क्या वे निरंकुश हो गई है? अगर सरकार अड़ियल है तो फिर किसान भी. कानूनों को वापस लेना होगा. ”