कोरोनरी वायरस महामारी में अधिक प्रासंगिक ‘एक एकीकृत निर्माण उपयोगिता सेवा‘ के मंच ‘फोकस‘ के प्रक्षेपण पर डा. निरंजन हीरानंदानी ने बोलते हुए कहा- ‘भारत में पहली बार विभिन्न वर्ग -समूह व एक एकीकृत वर्ग समूह के खरीददारों के लिए निर्माण सेक्टर को संयुक्त रूप से पर्यावरण अनुकूल आवास व भवन अवस्था में संपूर्ण सामंजस्य बनाते हुए निर्माण सेक्टर के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया है।‘
हाल ही में वैश्विक और भारतीय स्तर पर आयोजित आभासी लांच के अवसर पर फार्म आफ क्रिटिकल यूटिलिटी सर्विसिज थे मुख्य अतिथि डा. निरंजन हीरानंदानी, सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक, हीरानंदानी समूह आफ कम्पनीज़ नैशनल रीयल एस्टेट डिवेलपमेंट काउंसिल (Naredco) एवं एसोचेम ने कहा-
‘वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के समय पर्यावरण के अनुकूल निर्माण में कम से लागत-मूल्यों को ध्यान में रखा जाए।‘
डा़ हीरानंदानी ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस संस्था को काफी समय से प्रतीक्षारत व ज़रुरतमंद लोगों का ध्यान रखना चाहिए, उन्होंने इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित किया कि फोकस को गुणवत्ता, विश्वसनीयता, लचीलता, स्थिरता एवं परियोजना की समयानुसार संपूर्णता के लिए सहायता करनी चाहिए, ताकि भवन निर्माण उद्योग के लिए वरदान साबित हो सके।
इस एसोसियेशन से मांग की जा रही है कि वे इंडियन क्रिटिकल यूटिलिटी सर्विस सेक्टर से तालमेल बिठा कर आला दर्जे की सेवाओं के लिए व अच्छी तरह से स्थापित मानक मूल्यों के लिए सर्वोत्तम प्रयास करें ।
‘फोकस‘ भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर एकमात्र ऐसा प्लेटफार्म है जो इंडियन क्रिटिकल यूटिलिटी सर्विसिज संयुक्त रूप से समग्र आवश्यकताओं का ध्यान रख सकता है।
क्रिटिकल यूटिलिटी सर्वसिज़ (फोकस) एक ऐसा निकाय है जिसके विषय में बताते हुए श्री वी. सुरेश (पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक , हुडको एवं अध्यक्ष इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आई जी बी सी )परस्पर साथ चलते हुए महत्वपूर्ण शाखाओं द्वारा भवन निर्माण उद्योग के डिजाइन, कार्य निष्पादन, डिलीवर करने और बनाए रखने के बारे में बताया कि इस संस्था का उद्देश्य वैश्विक दखल को टालना है। फोकस के प्लेटफार्म पर जो निकाय साथ मिल कर काम करेंगे वे हैं – वे हैं वास्तुकला, विद्युत, पलंबर, एच बी ए सी, सुरक्षा, अग्नि, सिक्योरिटी, धुति, उर्धवाधर परिवहन,आई बी एम एस , आई टी , ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं सुविधा प्रबंधन । इससे
पूर्व इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने ज़ोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता मानदंडों को बनाए रखने से न केवल भारत बल्कि विदेश व्यापार हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।
श्री आशीष रखेजा, उपाध्यक्ष फोकस एवं अग्रणी सलाहकार एवं बोर्ड सदस्य आश्रय, यू एस ए ने ज़ोर देते हुए कहा कि भवन निर्माण में प्रतिरोध क्षमता की कमी से आधारभूत सरंचना में बाधा से हमारी अर्थ-व्यवस्था बाधित हुई है।
उन्होंने इस बात की ओर इंगित किया कि आज की गणनानुसार पिछले 20 वर्षों में भारत को राष्ट्रीय आपदा के कारण अब तक यू एस एस 80 बिलियन का नुक्सान हुआ है।
उन्होंने किसी भी परियोजना के तीनों चरणों जैसे पूर्व, निर्माण व प्रचालन का लाभ गिनाया।
फोकस, महासचिव श्री ए एल नरसिम्हा ने कहा कि भवन सूचना प्रबंधन, कृत्रिम बुद्धि व केन्द्रीय कमान के संरक्षक सहायक सिद्ध होंगे। इस प्रक्रिया में सभी उप-प्रणालियों का सकुशल और सुरक्षित और उनका एक दूसरे पर निर्भर हो कर कार्य करना उभर कर सामने आ जाता है। कैपीटल एक्सपेंडीचर व आपरेटिंग एक्सपेंसीस के बाद ही भवन निर्माता, भू -स्वामी व परिसर प्रयोग करने वाले का क्रम आता है। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार काम करने के तरीकों में सुधार से मालिकों ,ठेकेदारों व ग्राहकों को उच्च जीवन स्तर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इंडियन सेंट्रल यूटिलिटी सर्विसिस क में साथ तालमेल से अच्छे ढंग से निर्माण करने, मानक मूल्यों को ध्यान में रखने की दिशा में सर्वोत्तम प्रयास होगा, हम उत्कृष्टता की ओर कदम बढ़ाते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के उत्थान की ओर अग्रसर होंगे।
श्री रवि शंकर थंदावन ,अध्यक्ष नीति एवं वकालत, फोकस ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जब एक बार संस्था पूरे ज़ोर से घरेलू निर्माण की ओर ध्यान देगी तभी बहुत सी अवांछनीय चीज़ों से बचने में सक्षम होगी।
फोकस के साथ इंडियन यूटिलिटी सर्विसिज़ सेक्टर को पूर्ण विश्वास है कि वे उत्पादकता, सुरक्षा और गुणवत्ता को काम करने के तरीकों से मानदंड पूरे करते हुए वर्ष 2030 तक बनाए रखते हुए नए बेंचमार्क स्थापित करेगी व उत्कृष्टता के साथ वैश्विक मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान बना लेगी।।