एनपीआर एवं एनआरसी को लेकर कागजात जमा नहीं करें, हम लड़ाई लड़ लेंगे। बनमनखी के अख्तियारपुर के मैदान में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि 70 सालों से जब हमने मुल्क के लिए काम किया तो फिर अब कागजात क्यों दिखावें।
सीएए पर उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान कब भारत का हिस्सा रहा। अगर वहां के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात होती है तो फिर श्रीलंका तथा म्यांमार पर दोहरा रूख क्यों? उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सीएए, एनसीआर और एनपीआर की नहीं, बल्कि देश को तानाशाह से आजाद कराने के लिए इतिहास रचने की लड़ाई है।
एनसीआर और एनपीआर से मुसलमानों की लगभग तीन करोड़ की आबादी प्रभावित होगी। जबकि लगभग छह करोड़ हिन्दुओं की आबादी को मिला अधिकार भी छिनेगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने शरीयत से ज्यादा देश के संविधान को तवज्जो दिया है। यही कारण है कि तीन तलाक, धारा 370 तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में राम मंदिर निर्माण पर सहमति दी।
जाप सुप्रीमो ने दिल्ली के शाही बाग, जामिया यूनिवर्सिटी कैंपस, एमयू तथा जेएनयू के सवाल पर कहा लालू, अखिलेश एवं अन्य विपक्षी चुप्पी साध चुके हैं। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को इन मामलों में गंभीर होने की नसीहत दी।
सभा में जाप दलित प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष वकील दास, चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष आलोक अकेला, जाप प्रवक्ता राजेश यादव, जाप युवा परिषद जिलाध्यक्ष अरुण यादव, जाप छात्र परिषद जिलाध्यक्ष सुमित यादव, सोशल मीडिया प्रदेश सह संयोजक गोपाल सिंह, दलित प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जवाहर पासवान, वरिष्ठ नेता शालीग्राम ऋषिदेव, प्रखंड अध्यक्ष विजय यादव, करण यादव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रखंड अध्यक्ष मो नवी हसन, हरीश चौधरी आदि उपस्थित थे।