कोरोनावायरस एक ऐसा संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। मांसाहारी भोजन जैसे चिकन-मटन के सेवन से इसका संक्रमण किसी व्यक्ति में प्रवेश नहीं करता है। दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने यह जानकारी दी। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोनावायरस को इंसानों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण बताया है।
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, “कोरोनावायरस इंसान से इंसान को होने वाला संक्रमण है। पशुओं अथवा मांसाहार से इसके संक्रमण का फैलाव नहीं होता है। सामान्य स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए हालांकि किसी भी प्रकार के मीट, चिकन, फिश आदि को खाने से पहले अच्छी तरह पका लेना चाहिए।”
कोरोनावायरस को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि गमीर् अधिक होने पर यह वायरस स्वयं समाप्त हो जाएगा। गुलेरिया ने इस तथ्य से भी इनकार किया है। डॉ गुलेरिया ने कहा, “कोरोनावायरस का प्रकोप सिंगापुर जैसे गर्म देश और स्वीडन एवं यूरोप के ठंडे देशों दोनों जगह फैल रहा है।”
उन्होंने कहा, “कोरोनावायरस का संक्रमण हवा के जरिए नहीं फैलता है। यह संक्रमण कोरोनावायरस से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने पर किसी दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति यदि किसी सोसायटी में रह रहा है, तो ऐसी स्थिति में जब तक वहां रहने वाले अन्य व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आता, तब तक इस संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं है।”उन्होंने बताया, कोई पदार्थ खाने जैसे कि लौंग इत्यादि के सेवन से भी कोरोनावायरस न तो ठीक होता है, न ही इसके संक्रमण से बचा जा सकता है।
शराब के सेवन की भ्रांतियों को भी दूर करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, “शराब पीने या न पीने से कोरोनावायरस के संक्रमण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह भ्रांति बिल्कुल गलत है कि अल्कोहल के सेवन से कोरोनावायरस नहीं होता है।”
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, सही तरीके से हाथ धोने पर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, “कहीं भी बाहर से आते ही हाथ अच्छी तरह साबुन से साफ किए जाने चाहिए।”
डॉ. गुलेरिया के मुताबिक, “हाथ धोने और स्वच्छ रहने पर कोरोनावायरस के खतरे को टाला जा सकता है। ऐसी स्थिति में जब आपके पास साबुन उपलब्ध नहीं है अथवा आप यात्रा कर रहे हैं, तब सेनिटाइजर का इस्तेमाल हाथ साफ रखने के लिए किया जा सकता है।”