दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर हुई CAA विरोधी हिंसा अब भले ही थम गई है, लेकिन दिल्ली की सड़कों पर अभी भी दहशत का माहौल है, हिंसा के बाद का मंजर दिल्ली वालों को डरा रहा है। हिंसा की आग दिल्ली को कभी न भूलने वाले गम और सदमे में छोड़ गई।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की दिल्ली दंगों की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे बेहद चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो चकित करने वाली हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में उपद्रवियों ने तरह-तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया था, जिनमें सबसे बड़ा हथियार गुलेल रहा। कई इलाकों में भड़की हिंसा के दौरान गोली-बम से ज्यादा घातक गुलेल साबित हुई है। ये गुलेल छत, रिक्शे और अन्य जगहों पर रखकर इस्तेमाल किए गए। कई इलाकों की छतों पर गुलेल मिल रही है।
हिंसा की जाँच कर रही दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी को हर 10-15 घरों के बाद एक घर की ऊँची छत पर गुलेल मिली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जाँच के दौरान सैकड़ों की संख्या में गुलेल बरामद किया गया। सबसे ज्यादा गुलेल ओल्ड मुस्तफाबाद के घरों की छतों से बरामद किया गया। पुलिस का कहना है कि इन्हीं गुलेल की मदद से सबसे ज्यादा तबाही मचाई गई।
हिंसा फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर गुलेल का इस्तेमाल किया गया है। इससे लोहे, पत्थरों, पेट्रोल बमों का इस्तेमाल किया गया। दिल्ली के शिव विहार इलाके में मिली गुलेल एक रिक्शे पर लोहे के एंगल को वेल्डिंग कर के बनाई गई थी। जिस तरह छोटी गुलेल से मामूली गिट्टियाँ चलाई जाती हैं, ठीक वैसे ही इस बड़ी गुलेल से पेट्रोल बम की बोतलें, बड़े-बड़े पत्थर या और भी चीजें फेंकी जा सकती हैं। यानी किसी भारी चीज को दूर तक फेंकने के लिए ये गुलेल बनाई गई, वो भी रिक्शे के ऊपर। इसे मोबाइल गुलेल कहा जाता है, जिसे जहाँ चाहे, वहाँ ले जाया जा सके और घटना को अंजाम दिया जा सके। इस बड़ी गुलेल से पेट्रोल बम की बोतलें, बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए थे।
इसके अलावा आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोपित आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर की छत पर भी ये गुलेल पाए गए गए हैं। इतना नहीं वहाँ गुलेल के अलावा छोटी-छोटी पॉलीथिन में कुछ केमिकल पदार्थ भी पाए गए हैं, जिन्हें तेजाब बताया जा रहा है। AAP के ताहिर हुसैन का नाम हिंसा में आने के बाद पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ताहिर हुसैन के घर पहुँची है। डीसीपी क्राइम की अगुवाई में फॉरेंसिक की टीम ताहिर हुसैन के घर पहुँचकर जाँच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि करीब 200 लोग घायल हैं। घायलों में सुरक्षा बलों के करीब 70 लोग शामिल हैं। मृतकों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल और आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अभी तक इस हिंसा में 48 एफआईआर दर्ज की गई हैं।