सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या केस (Ayodhya Case) वापस लेने का फैसला लिया है। बोर्ड के चेयरमैन ने मुकदमा वापस लेने का हलफनामा मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू को भेजा। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की 40वें दिन की सुनवाई शुरू हो गई है। हालांकि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अपील वापस लेने के मामले में कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्पष्ट किया कि आज शाम 5 बजे तक हर हाल में बहस पूरी होगी। चीफ जस्टिस ने तय पक्षकारों के अतिरिक्त किसी अन्य को हस्तक्षेप की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
दरअसल एक वकील ने अतिरिक्त समय मांगा। इस पर CJI ने स्पष्ट कर दिया कि आज शाम 5 बजे अयोध्या मामले की सुनवाई खत्म हो जाएगी। एक वकील ने मामले में हस्तक्षेप की अपील की तो CJI ने अपील खारिज कर दी। इसी तरह सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अपील वापस लेने के मामले में कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई। हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन ने बहस की शुरुआत की।
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (CJI) ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होने के संकेत दिए थे। CJI ने आज बहस के लिए हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यानाथन को 45 मिनट का समय दिया है। मुस्लिम पक्ष को एक घंटे का समय दिया गया है। इसके साथ ही 45 मिनट के चार स्लॉट बाकी पक्षकारों को दिया जाएगा।
परासरन ने कहा कि हिन्दुओं ने भारत के बाहर जाकर किसी को तहस-नहस नहीं किया बल्कि बाहर से लोगों ने भारत में आकर तबाही मचाई, हमारी प्रवृत्ति अतिथि देवो भव की है। परासरन ने कहा कि हिंदुओं की आस्था है कि वहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था, और मुस्लिम कह रहे है कि मस्जिद उनके लिए हैरिटेज प्लेस है।
परासरन ने कहा कि मुस्लिम दूसरी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं। अयोध्या में 50-60 मस्जिदें है, लेकिन हिंदुओं के लिए यह भगवान राम का जन्म स्थान है। हम भगवान राम के जन्म स्थान को नहीं बदल सकते। परासरन ने कहा कि हिन्दुओं ने भगवान राम के जन्म स्थान के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है। हमारी सदियों से आस्था है कि वह भगवान राम का जन्म स्थल है।
परासरन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को नष्ट करने के ऐतिहासिक गलत काम को रद्द करना चाहिए। परासरन ने कहा कि कोई शासक भारत में आकर ये नहीं कह सकता कि मैं सम्राट बाबर हूं और कानून मेरे नीचे है और जो मैं कहता हूं वो ही कानून है।