नारी हूं मैं, अर्पण ही नहीं तर्पण भी हूं मैं,
तुम्हारे व्यक्तित्व का निष्पक्ष दर्पण भी हूं….।
रूढ़िवादी विचारों की बेड़ियों को तोड़ते हुए महिलाएं अब अपने पूर्वजों की तृप्ति के लिए आगे आने लगी हैं। न केवल पुजा-पाठ में बल्कि तर्पण में भी अपने पतियों के कंधे से कंधा मिलाकर अपने पुवर्जों को तर्पण दे रही है ।
पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाएं अब पूर्वजों के श्राद्ध और तर्पण में पीछे नहीं हैं। खास बात यह है कि इसमें कई नई उम्र की लड़कियां भी शामिल हैं।
कानपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री और पांडु नगर निवासी नंदिता मिश्रा ने पहली बार उनका श्राद्ध और तर्पण किया। नंदिता कहती हैं कि बाबा जी के काफी करीब रही हूं।
नंदिता ने कहा कि उनके श्राद्ध और तर्पण से जो असीम शांति मिलेगी उससे वंचित नहीं होना चाहती थी। वैसे भी बुआ ने ही उनको मुखाग्नि भी दी है। अब महिला और पुरुषों के भेद की खाई पट गई है।
रविवार को नंदिता ने सरसैया घाट पर वैदिक विधि-विधान के साथ पिण्डदान कर अटल बिहारी वाजपेयी जी का विधिवत श्राद्ध किया। यहां कई बेटियों ने पूर्वजों की तृप्ति के लिए श्राद्ध किया।