जस्टिस नथालापति वेंकट रमना भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, जस्टिस रमण 24 अप्रैल को भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर प्रभार संभालेंगे. वह मौजूदा सीजेआई एस.ए.बोबड़े की जगह लेंगे. 26 अगस्त, 2022 को जस्टिस रमणा सेवानिवृत्त होंगे. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब 24 अप्रैल को जस्टिस रमना शपथ लेंगे. 24 मार्च को वर्तमान चीफ जस्टिस एस.ए. बोबड़े ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी.
आंध्र प्रदेश के रहने वाले एन.वी रमना साल 2000 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर चुने गए थे. फरवरी, 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति से पहले वह दिल्ली हाईकोर्ट में थे. 63 वर्षीय नुथालपति वेंकेट रमना ने 10 फरवरी, 1983 से अपने न्यायिक करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने आंध्र प्रदेश से वकील के तौर पर शुरुआत की थी.
इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी. उन्होंने संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानूनों का खास जानकार माना जाता है. करीब 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले एनवी रमना सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने विभिन्न सरकारी संगठनों के लिए पैनल काउंसल के रूप में भी काम किया है. वह केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील और हैदराबाद में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में रेलवे के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य कर चुके हैं.