कोरोना के संक्रमण को लेकर रोज नए अध्ययन सामने आ रहे हैं। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि अस्पताल में मरीजों के कमरे में कोरोना के वायरस को हवा में मौजूद पाया गया। वायरस को मरीज से करीब चार मीटर तक की दूरी पर मौजूद पाया गया।
सीडीसी अटलांटा के जर्नल इमर्जिंग इंफेक्सियस डिजीज में शोध प्रकाशित किया गया है। अध्ययन का नतीजा यह निकाला गया है कि कोविड मरीजों को होम आइसोलेशन में रखना खतरनाक साबित हो सकता है। नया अध्ययन मूलत: एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज, बीझिंग ने वुहान के अस्पताल के आईसीयू एवं जर्नल वार्ड में किया है। आईसीयू में कोविड के 15 गंभीर मरीज भर्ती थे जबकि जनरल वार्ड में सामान्य लक्षणों वाले 14 मरीज थे। आईसीयू के भीतर हवा से लिए गए 40 में से 14 नमूनों में वायरस की मौजूदगी पाई गई, यानी पॉजिटिव नमूनों की संख्या करीब 35 फीसदी दर्ज की गई। जनरल वार्ड में से लिए गए 16 नमूनों में से हवा के दो नमूनों में वायरस मौजूद था। पॉजिटिव नमूनों का प्रतिशत 12.5 फीसद दर्ज किया गया। इस अध्ययन का दूसरा नतीजा यह निकाला गया है कि मरीज से चार मीटर तक की दूरी पर हवा से लिए गए नमूने में वायरस पाया गया।
एक नमूना 2.4 मीटर की दूरी पर लिया गया, वो भी पॉजिटिव निकला। यह नतीजा भी चौंकाने वाला है क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने जो सामाजिक दूरी रखी है, वह अधिकतम दो मीटर रखी गई है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि मरीजों के कमरे के फर्श, कंप्यूटर माउस, दरवाजों के हैंडल, मरीज के मास्क एवं पीपीई से लिए गए नमूनों में भी वायरस की पुष्टि हुई है। जूतों के तलों में वायरस मिला। आशंका यहां तक जताई गई है कि जूते के तले वायरस के कैरियर बन सकते हैं।