एक तरफ दुनिया कोरोना वायरस से हलकान है । लोग लॉकडान में घरों में कैद है । दुसरी तरफ अफवाहों को दौर जारी है । ये अफवाह ऐसी है कि इन्हे काटना इस दौर में तो कम से कम मुस्किल है । शहर में तो लोग फैक्ट चेक कर लेंगे । लेकिन गांव वालों का क्या? कस्बों में, छोटे शहरों में ऐसे झूठ फैलते हैं, जो तीसियों साल पुराने अंधविश्वास पर बेस्ड हैं । मुश्किल ये कि इन्हें काटें कैसे?
लेकिन कोरोना को लेकर देश में इतनी अफवाहें फैल गई है कि कहना मुस्किल है । एक को काटो तो दुसरी आ जाती है । आज हम आपकों कुछ ऐसी ही अफवाहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस कोरोना के दौर में फैली है ।
1. दान की चूड़ी वाली अफवाह
मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों, खासतौर पर मेरे घर रीवा तरफ ये अफवाह फ़ैली है कि कोरोना वायरस से बचना है तो गांव की महिलायें हर घर से आंचल पसार कर 5-5 रुपये मांगें। अफवाह में आगे बताया जाता है कि उन पैसों से चूड़ीवाले से 12 चूड़ियां खरीद लें। छ:-छ: चूड़ियां दोनों हाथों में पहनें। इससे कोरोना वायरस नहीं होगा।
ये सरासर झूठ है, अंधविश्वास है और खतरनाक है। घर-घर जाने से महिलाओं को कोरोना वायरस का खतरा और बढ़ जाता है। क्योंकि वो कई लोगों के संपर्क में आती हैं। ये बिलकुल मत कीजिए। इसका कोई फायदा नहीं।
2. जागते रहो नहीं तो पत्थर बन जाओगे, वाली अफवाह
उत्तर प्रदेश के कई गांवों में अफवाह फ़ैली है, जिसके चलते लोग रातों में जाग रहे हैं। उन तक ढेर सारा झूठ पहुंचा है। कहा गया,
1. उत्तराखंड में कोई गांव ज़मीन में समा गया।
2.एक घर के 5 लोग मर गए।
3. एक गांव में लोग पत्थर बन गए।
4. झूठ ये भी कहा गया कि रात में साढ़े बारह बजे से चार बजे तक जागो नहीं तो कोरोना वायरस लग जाएगा।
5. कहीं-कहीं तो ये भी कहा गया कि रात में साढ़े बारह बजे से चार बजे तक सोने वाले पत्थर बन जाएंगे या मर जाएंगे।
मेरठ में तो धार्मिक स्थलों से अनाउंस कर ये अफवाह फैलाई गई। जिसके बाद पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
3. आटे के दिए जलाने का अंधविश्वास
पूर्वांचल के इलाकों में अफवाह चल रही है कि घर के आगे दिए जलाने से कोरोना वायरस नहीं फैलेगा। कहीं-कहीं ये दिए आटे के बनाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है। जिसके घर में जितने पुरुष हैं, उतने दिए जलाए। जिसका नतीज़ा ये कि इलाके में दीवाली जैसा माहौल हो रखा है। दिए जलाने के चक्कर में लोग घर से निकल रहे हैं। और वायरस फैलने का खतरा बढ़ रहा है। ये इस टाइम पर सबसे ज़्यादा फ़ैली अफवाह है।
4. रामचरित मानस के बालकांड में बाल निकलने की अफवाह
कानपुर के कुछ इलाकों में अफवाह फ़ैली कि रामचरित मानस के बाल कांड से बाल निकल रहे हैं। कहा गया, तीन अंगुल का बाल पानी में उबालिए, गंगाजल में मिलाइए और परिवार को पिलाइए तो कोई संकट नहीं आएगा। कहीं-कहीं ये बात भी आई कि बाल सुनहरे रंग का होगा। लोगों ने रामचरित मानस खंगाल डाली। बालकांड का पन्ना-पन्ना खोल लिया, लेकिन बाल नहीं मिले। मिलते भी कैसे, अफवाह जो थी।
5. कुएं में पानी डालने से कोरोना रुकने की अफवाह
यतेंद्र प्रताप सिंह नाम के एक पाठक ने अपने गांव में फैली एक अफवाह के बारे में हमें बताया। उनका गांव बुंदेलखंड में पड़ता है। वहां ये अफवाह फ़ैली कि मंदिर के पास एक कुआं है, जिसमें हर घर से जाकर लोग एक-एक बाल्टी पानी डाल दें तो कोरोना वायरस नहीं फैलेगा।
6. लाल गोला गिरेगा मार डालेगा, वाली अफवाह
मध्य प्रदेश के राजगढ़ में ऐसी अफवाह फैली कि सबको अपने घरों में रहना है, क्योंकि आसमान से लाल रंग का एक गोला गिरेगा और सबको मार डालेगा। वहां के प्रशासन ने लोगों को बताया कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।
7. सात नलों के पानी वाली अफवाह
बिहार के सीवान में ये अफवाह फैली कि बेटों को कोरोना वायरस से बचाना है तो मांएं सात घरों के नलों से पानी इकट्ठा कर पिएं।
कहना न होगा कि ये तमाम चीजें सिर्फ अफवाह हैं, अंधविश्वास हैं। हम एक ही बात बार-बार दोहरा रहे हैं ताकि जिस तरीके से आपको समझ आए, आप समझें।
8. नीम की पत्ती वाली अफवाह
दीक्षा पंचारिया नाम की हमारी पाठक ने हमें लिखकर बताया कि राजस्थान के बीकानेर में अफवाह फैली है। स्थानीय लोगों को डराया जा रहा है कि देशनोक में करणी माता की मूर्ति खिसक गई है। फिर कहा गया कि गुड़ का हलवा बनाने से ही कोरोना वायरस ठीक होगा। इसके साथ ही इलाके में नीम के पत्ते को लेकर अफवाहें उड़ रही हैं कि सबकी छतों पर नीम का एक पत्ता गिरा होगा। जिसे पानी में उबालकर पीने से कोरोना वायरस ठीक हो जाएगा। नीम के पत्ते वाली अफवाह राजस्थान के और इलाकों में फ़ैली है। कहीं-कहीं अफवाह का ये रूप मिलता है कि घर की छत पर नीम रख लेने से कोरोना वायरस नहीं फैलेगा।