देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के बीच कांग्रेस (Congress) ने सरकार से लोगों के खाते में 10 हजार रुपये डालने की मांग की है. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि कोविड-19 संकट (Covid-19 Crisis) के चलते लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए 28 मई को पार्टी द्वारा राज्यों में एक ऑनलाइन अभियान आयोजित किया जाएगा. पार्टी की ओर से बताया गया कि वह इस अभियान में केंद्र सरकार (Central Government) से आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों के खाते में तुरंत 10,000 रुपये ट्रांसफर करने की मांग को उठाएगी. बता दें कांग्रेस के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक में 11 सूत्रीय मांग रखी थी जिसमें कि यह मांग उठाई गई थी.
कांग्रेस सहित 22 विपक्षी दलों ने की थी बैठक
इससे पहले कांग्रेस ने शुक्रवार को 22 विपक्षी दलों के साथ देश में कोरोना संकट को लेकर विस्तृत चर्चा की और केंद्र सरकार पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में विफल रहने का आरोप लगाया. इसके साथ ही कहा कि इस समय नया एवं समग्र वित्तीय पैकेज घोषित करने, संसदीय कामकाज बहाल करने और राज्य सरकारों को पूरी मदद मुहैया कराने समेत कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है.
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी बैठक में कहा कि अगर सरकार की ओर से गरीबों, मजदूरों, किसानों और सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की वित्तीय मदद नहीं की गई तो देश में ‘आर्थिक तबाही’ हो जाएगी. विपक्षी दलों की बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को राज्य सरकरों की मदद करनी चाहिए.
विपक्षी दलों ने की थी 11 सूत्रीय मांग
कांग्रेस के नेतृत्व में इन दलों ने सरकार के समक्ष 11 सूत्री मांग रखते हुए कहा, “आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह दिया जाए. 10 हजार रुपये तत्काल दिए जाएं और शेष पांच महीने में दिया जाए.” उन्होंने कहा कि सभी जरूरतमंद लोगों को अगले छह महीने के लिए 10 किलोग्राम प्रति माह अनाज दिया जाए. इसके साथ ही मनरेगा के तहत कामकाज के दिनों को 150 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए.
इन दलों ने आग्रह किया, “प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराई जाए तथा विदेश में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने का इंतजाम किया जाए. कोविड-19 की जांच, संक्रमण, स्वास्थ्य ढांचे और संक्रमण रोकने के उपायों को लेकर सटीक जानकारी मुहैया कराई जाए. श्रम कानूनों में बदलाव सहित सभी एकतरफा नीतिगत निर्णयों को बदला जाए.”
उन्होंने कहा, “किसानों से रबी की उपज को एमएसपी के मुताबिक खरीदा जाए तथा खरीफ की फसल के लिए किसानों को बीज, उर्वरक और दूसरी सुविधाएं दी जाएं. कोरोना महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रही राज्य सरकारों को उचित धन मुहैया कराया जाए. अगर लॉकडाउन से बाहर निकलने की कोई रणनीति है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाए.” इन दलों ने कहा कि संसदीय कामकाज और समितियों की बैठक बहाल कराई जाए.