तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सीएए मुसलमानों के लिए खतरा नहीं है। अगर उन्हें इससे कोई भी परेशानी हुई तो उनके समर्थन में आवाज उठाने वाले वे सबसे पहले व्यक्ति होंगे। केंद्र सरकार भी लोगों को आश्वासन दे चुकी है कि इस कानून से देश के नागरिकों को परेशानी नहीं होगी।
नागरिकता कानून लागू होने के बाद देशभर में प्रदर्शन किए गए थे। रजनीकांत ने हैरानी भरे लहजे में कहा कि विभाजन के बाद मुसलमान भारत में रहने आए, उन्हें देश से बाहर कैसे भेजा जाएगा? कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए सीएए के खिलाफ लोगों को उकसा रहे हैं।
एनपीआर का समर्थन किया
रजनीकांत ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के बारे में पता लगाने के लिए एनपीआर बेहद जरूरी है। कांग्रेस की सरकार ने भी पहले इसे लागू किया था।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगातार देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस कानून को लेकर दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, बंगाल, असम, केरला, कर्णाटक और बेंगलूरू में भी खूब विरोध प्रदर्शन हुए।
खासकर दिल्ली के शाहीन बाग में लोगों ने बीते कई दिनों से इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखा है। वहीं, रजनीकांत ने सीएए पर बयान देते हुए कहा कि अगर यह कानून मुस्लिमों के खिलाफ हुआ तो मैं इसके विरोध में सबसे पहले खड़ा होउंगा।