देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक विवादित बयान दिया है। कानपुर में एक रैली के दौरान योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर जो भी आजादी के नारे लगाएगा, उसके खिलाफ सेडिशन (राजद्रोह) कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। योगी ने कहा कि किसी को भी भारत के खिलाफ बोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
बुधवार 22 जनवरी को संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित एक रैली में योगी ने कहा, ‘अगर कोई विरोध प्रदर्शन के नाम पर आजादी के नारे लगाएगा, तो उस पर सेडिशन के तहत सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। सरकार ऐसे नारे स्वीकार नहीं करेगी, लोगों को भारत के खिलाफ बोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।’
लखनऊ के घंटाघर और दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। इस पर योगी ने कहा, अपने घर की महिलाओं को चौराहे-चौराहे पर बिठाना शुरू कर दिया है, कितना बड़ा अपराध है कि पुरुष घर में रजाई ओढ़ कर सो रहा है और महिलाओं को आगे कर चौराहे-चौराहे पर बैठाया जा रहा है।
CAA के मुद्दे पर योगी ने कांग्रेस को भी घेरा। योगी ने कहा, “अब तो कांग्रेस ने एक सिरे से कह दिया है कि जब तक ISI के एजेंटों की भारत में एंट्री नहीं करा देते तब तक हम नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करेंगे, ये कांग्रेस के नेताओं का शर्मनाक बयान आया है। विपक्षी दलों के लोग यही कह रहे हैं।” कितना शर्मनाक है कांग्रेस, एसपी और वामपंथी दलों के लोगों के लिए एक देश की कीमत पर राजनीति करना और दूसरा विरोध के लिए महिलाओं को आगे करना, जिन्हें पता ही नहीं कि CAA क्या है।योगी के अलावा बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी CAA पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन की आलोचना की। बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “ये सब प्रदर्शन असंवैधानिक और गैर पारंपरिक है। अगर उन लोगों में हिम्मत है तो अमित शाह के सामने बैठे। दस मिनट भी नहीं लगेगा इन लोगों को परास्त करने में। इन लोगों को भारत के इतिहास की जानकारी भी नहीं है।”