पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में मिठाई की दुकान खोलने की अवधि में ढील देते हुए अब इसे 8 घंटे की अनुमति दे दी है। बंगाल में शुक्रवार से सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक मिठाई की दुकानें खुलेंगी। इससे पहले राज्य में अपराह्न 12 बजे से शाम 4 बजे तक चार घंटे के लिए मिठाई की दुकाने खोलने की अनुमति दी गई थी। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के संक्रमण से गत 24 घंटों में तीन और लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही राज्य में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या तक 10 तक पहुंच गई है।
राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने गुरुवार को बताया कि इस अवधि के दौरान 24 नये मामले सामने आए हैं। सिन्हा के मुताबिक राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 188 है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 213 मरीज हैं।
Sweet shops will be allowed to operate for 8 hours now, from 8 am to 4 pm everyday (State govt had earlier allowed sweet shops to operate for 4 hours from 12 noon to 4 pm everyday): West Bengal CM Mamata Banerjee. (File pic) pic.twitter.com/TR6t2HNw3U
— ANI (@ANI) April 16, 2020
लॉकडाउन में ढील पर आमने-सामने हैं ममता और धनखड़
बता दें राज्य में पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी जारी है। पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन सही तरीके से लागू नहीं होने से नाखुश राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन को सलाह दी कि इस संकट के समय वह राजनीति से दूर रहें।
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। राज्य सरकार के अधीन पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी शत-प्रतिशत तरीके से सामाजिक दूरी कायम रखने या धार्मिक समागमों पर रोक लगाने में विफल रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।’’
राज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन सफल होना चाहिए और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की जरूरत पर विचार होना चाहिए। राज्यपाल की टिप्पणी मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी और उन्होंने इसे राजनीति से जोड़ दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हमें अर्धसैनिक बलों की क्यों जरूरत है? कई ऐसे मामले आए हैं जब सैन्य बल के जवान स्वयं कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कुछ लोग परेशानी में राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। मैं सभी का आह्वान करूंगी कि यह राजनीति का समय नहीं है। यह संकट का समय है।’’ हालांकि, उन्होंने राज्यपाल का नाम नहीं लिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी हाल में राज्य के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन में ढिलाई पर चिंता जताई थी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी से निपटने में डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का पश्चिम बंगाल द्वारा पालन नहीं किये जाने से जुड़े आरोपों पर राज्य सरकार को एक दिन के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का गुरुवार को निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता द्वारा प्रकट की गई शिकायत की गंभीरता पर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी ने कहा कि इस विषय को शुक्रवार को सुनवाई के लिये लिया जाएगा, जब अदालत राज्य सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर विचार करेगी।