हुआ ये कि नोएडा में दो बच्चों को पुलिस ने बाल सुधार गृह भेज दिया। तो उनके साथ पढ़ने वाले बच्चे डीएम ऑफिस के बाहर कान पकड़कर बैठ गए। अपने दोनों सहपाठियों को छोड़ने की मांग करने लगे। जिन बच्चों को बाल सुधारगृह भेजा गया उन पर आरोप है कि उन्होंने डीएम के फर्जी साइन करके दावा किया था, सोमवार और मंगलवार को नोएडा के सभी स्कूल बंद रहेंगे। बच्चों की शरारत तो जो है सो है। मगर विरोध प्रदर्शन का तरीका सब सीखते जा रहे हैं।
बताते चले स्कूलों की छुट्टी के लिए जिलाधिकारी का फर्जी आदेश बनाकर उसे वायरल करने के मामले में 12वीं के दो छात्रों की गिरफ्तारी होने के बाद उनके सहपाठी छात्र-छात्राएं मंगलवार को जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने अपने साथी छात्रों के भविष्य की दुहाई देते हुए उन्हें माफ करने की गुहार लगाई। उन्होंने मौके पर पहुंचे प्रधानाचार्य और अधिकारियों केआगे हाथ जोड़े जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। यह घटनाक्रम करीब तीन घंटे तक चला। वहीं, दूसरी तरह पुलिस ने दोनों आरोपी छात्रों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया।
डीएम का फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाकर रविवार को स्कूलों की छूट्टी का आदेश सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। इसके बाद डीएम बीएन सिंह ने ट्विटर पर पोस्ट डाली थी कि उन्होंने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है। इसके बाद थाना सेक्टर-20 पुलिस ने 12वीं कक्षा के दो छात्रों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों सेक्टर-12 के एक स्कूल में पढ़ते हैं। छात्रों ने ठंड में छुट्टी मनाने और मौज मस्ती के लिए के एप से लेटर बनाया था।
दोपहर को जब इसकी सूचना स्कूल के छात्र-छात्राओं को लगी तो कॉलेज की कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राएं आरोपी छात्रों को छुड़ाने की मांग करने लगे। वह जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पहुंच गए। यहां पर पहुंचकर वे आरोपी छात्रों को माफ किए जाने की गुहार करने लगे। लेकिन उस समय जिलाधिकारी वहां पर नहीं थे। बाद में सिटी प्रधानाचार्य, मजिस्ट्रेट और अधिकारियों के समझाने पर प्रदर्शन कर रहे छात्र वापस लौट गए।