बच्चों की पाठशाला उनके घर से ही शुरू हो जाती है । माता-पिता पहले गुरू होते हैं । उसके बाद स्कूल उन्हे जीवन का पाठ सीखाती है । लेकिन वही स्कूल अगर गलत संस्कार देने लगे तो क्या हो । जी हां ऐसी ही एक शिकायत एक IAS अधिकारी ने ट्वीटर के माध्यम से की है ।
स्कूल में सिखाया जाता है कि इंसान को किसी भी आधार पर दूसरों से भेदभाव नहीं करना चाहिए, लेकिन यहां बच्चों के पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही उन्हें गलत संदेश देते हुए भेदभाव करना सिखा रही हैं. ऐसा मानना है 2009 बैच के आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण का. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर साझा करते हुए बताया है कि कैसे बच्चों को स्कूल में पढ़ाई जाने वाली किताबों द्वारा गलत संदेश दिया जा रहा है. अधिकतर यूजर्स IAS Awanish Sharan की बात का समर्थन कर रहे हैं.
दरअसल, आईएएस ऑफिसर अवनीश ने 17 जुलाई को अपने ट्विटर एकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की है. यह तस्वीर नर्सरी क्लास की एक किताब के पन्ने की है. तस्वीर में दो लड़कियों के चित्र बने हुए है तथा उनमें सुंदर (Beautiful) और बदसूरत (Ugly) का फ़र्क बताया गया है. आईएएस ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है कि “भेदभाव की पहली सीख नर्सरी की किताब से शुरू होती है.”
इस तस्वीर में दो लड़कियां हैं. उनमें से एक का रंग गोरा है और उसने शृंगार किया हुआ है. वह मुस्कुराती हुई दिख रही है. किताब में उसे ‘सुंदर’ बताया गया है. जबकि दूसरी तरफ जिस लड़की की तस्वीर है उसका रंग सांवला है. उसे गंदे कपड़े पहने हुए दिखाया गया है और वह उदास लग रही है. तस्वीर में इस लड़की को ‘बदसूरत’ बताया गया है.
आईएएस ऑफिसर के इस ट्वीट को अभी तक 3100 से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं तथा लोग लगातार इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. अधिकतर लोग आईएएस की बात का समर्थन कर रहे हैं.