कोरोनावायरस को हराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता द्वारा जनता के लिए जनता कर्फ्यू का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. सभी जगह सड़कों पर सन्नाटा है और लोग इस महामारी से निपटने में अपना सहयोग दे रहे हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कोरोना का खौफ नहीं है. वह अपने साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रही हैं.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर घंटाघर पर महिलाएं पिछले तीन महीनों से प्रदर्शन कर रही है. प्रदर्शनकारी शबीह फातिमा का कहना है कि कोरोना से बचाव के सभी तरीके अपनाए जा रहे हैं लेकिन जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
Lucknow: Women continue to sit near Clock Tower (Ghanta Ghar) to protest against Citizenship Amendment Act (CAA) and National Register of Citizens (NRC), amid #JanataCurfew that is being observed across the country to control the spread of #COVID19. https://t.co/KX5V8l5x74 pic.twitter.com/0fmNEnW8FU
— ANI UP (@ANINewsUP) March 22, 2020
अब समाजिक जिम्मेदारी निभाएं प्रदर्शनकारी महिलाएं
सदफ जाफर कहती हैं कि पूरे देश में जरूरी चीजों को छोड़ कर पूरे देश बंद है तो घंटाघर पर बैठी महिलाओं को अभी अपनी समाजिक जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। प्रदर्शन में महिलाएं एक दूसरे के पास पास बैठी हैं। इससे संक्रमण का अधिक खतरा है। बचाव की साधन उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में हमें इंसानियत के खातिर कुछ दिनों के लिए धरना स्थगित कर देना चाहिए। हालात सामान्य होने पर फिर से धरना दे सकते हैं। शनिवार को मैं महिलाओं को समझाने गई थी लेकिन वह नहीं मानी।
इंसानियत के खातिर खत्म करें धरना
मशहूर शायर मुनव्वर राणा की पुत्री सुमैया राना का कहना है कि इस्लाम ने हमेशा इंसानियत को बचाने का संदेश दिया है। ऐसे में घंटाघर पर महिलाओं को अपना प्रदर्शन समाप्त कर देना चाहिए या फिर सांकेतिक रूप से एक या दो महिलाएं ही वहां पर बैठे। सबकी जिंदगियों को खतरे में डालना गलत है।
कुछ महिलाओं की वजह से सबकी जान खतरे में
इस वक्त जो पूरी दुनिया में महामारी चल रही है। हर एक को भीड़ से बचना चाहिए। जहां तक घंटाघर की बात है। इस धरने का कोई लीडर नहीं है। कुछ औरतों की वजह से सैकड़ों औरतों की जान को खतरा है। जो औरतें धरने पर बैठी है उनको आपस में बात करके इसे स्थगित करने के बारे में सोचना चाहिए।