कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है। राहुल ने ट्वीट कर कहा- न्यू इंडिया में रिश्वत और अवैध कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहा जाता है।
वही, कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने आरबीआई को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड पेश किया, ताकि काले धन को भाजपा के खजाने में प्रवेश करने के लिए सक्षम किया जा सके।
In “New” India, bribes & illegal commissions are called Electoral Bonds. https://t.co/mYl5OxcVLU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 18, 2019
साथ में कांग्रेस ने योजना को तुरंत समाप्त करने की मांग भी की। इससे पहले, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर हमला किया। प्रियंका ने कहा कि, भारतीय रिजर्व बैंक को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि कालाधन भाजपा के पास पहुंच सके।
उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया, आरबीआई को दरकिनार कर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को खाारिज करते हुए चुनावी बॉन्ड को मंजूरी दी गई ताकि भाजपा के पास कालाधन पहुंच सके। ऐसा लगता है कि भाजपा को कालाधान खत्म करने के नाम पर चुना गया था, लेकिन यह उसी से अपना जेब भरने में लग गई। प्रियंका ने कहा, यह भारत के जनता के साथ शर्मनाक विश्वासघात है।
चुनावी बॉन्ड पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, आरबीआई ने चुनावी बॉन्ड का विरोध किया कि इससे गुमनाम चंदा व धनधोधन में बढ़ोतरी होगी। अब मोदी सरकार बताए कि कितने हजार करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए? सुरजेवाला ने सवाल किया, भाजपा को कितने हजार करोड़ मिले? क्या यह एक हाथ लें और दूसरे हाथ दें वाली बात है? क्या ये है हजारों करोड़ की भाजपा का मंत्र?