सोनाली कुमारी
यह घटना मुजफ्फरपुर स्टेशन की है । अन्य प्रदेशों से प्रवासियों की वापसी के बीच मुजफ्फरपुर जंक्शन पर सोमवार को 4:30 साल के एक बच्चे की मौत हो गई। दिल्ली से लौटे बच्चे के पिता ने बदइंतजामी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बच्चे को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दूध भी नसीब नहीं हुआ ।
पश्चिमी चंपारण जिले के पिंटू के बेटे इरशाद की मौत प्लेटफार्म संख्या एक पर हुई। इरशाद की मौत से नाराज स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। स्वजन बच्चे की मौत के लिए बदहाल व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराते हुए घर वापसी के लिए वाहन की मांग कर रहे थे।
सूचना मिलते ही एडीएम राजेश कुमार और एडीएम आपदा अतुल कुमार वर्मा ने मौके पर पहुंच स्वजनों से बात कर मुआवजे का आश्वासन दिया। लेकिन, स्वजन बतौर मुआवजा नकदी की मांग पर अड़े रहे । बाद में रेल पुलिस ने बयान दर्ज कर स्वजनों को उनकी जिले के लिए रवाना किया।
पिंटू ने बताया कि वह अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ दिल्ली की एक पेंट कंपनी में काम करता था । लॉकडाउन के वजह से दिल्ली में ही फंस गया था । घर वापस आने की कोई सुविधा ना होने की वजह से वे लम्बे समय बाद लौट रहा था । उनका कहना है कि इतनी बड़ी विपदा में भी वे अपने बच्चों का ख्याल बहुत अच्छे से रखते थे। लंबी दूरी होने की वजह से हमें दूध नहीं मिला। यहां आने के बावजूद दूध की कोई व्यवस्था ना होने पर उनकी बच्चे की मौत भूख के कारण हो गई । और इसके लिये सरकार साफ-साफ जिम्मेवार है