बिहार के गया जिले के मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती महिला से दुष्कर्म के आरोपी स्वास्थकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में इलाज के बाद बांकेबाजार के रौशनगंज की गर्भवती महिला घर लौट आई। 3 दिन बाद ही उस महिला की मौत हो गई। महिला की सास ने अस्पताल के ही एक कर्मचारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया।
मृतिका की सास फुलवा देवी ने आरोपित स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ रौशनगंज थाने में अपना बयान दर्ज कराया। इसी आधार पर ही मेडिकल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की।
बांकेबाजार प्रखंड अंतर्गत रौशनगंज की पूनम देवी 24 साल, नामक महिला लुधियाना से गत 25 मार्च को अपने घर रौशनगंज लौटी थी, वह गर्भवती थी। जिसे मगध मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में 27 मार्च को भर्ती कराया गया था। फिर 2 दिनों के बाद महिला को कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। जहां महिला का कोरोना टेस्ट भी कराया गया। रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इस बीच महिला 2 अप्रैल को अपने घर रौशनगंज लौट आई थी और अचानक सोमवार सुबह महिला की मौत हो गई।
मृतिका की सास फुलवा देवी के अनुसार, कोरोना वार्ड में रहने के दौरान बहू के साथ वहां के माथे पर टिका लगाए एक स्वास्थ्यकर्मी के द्वारा लगातार दो दिनों तक दुष्कर्म किया गया। दुष्कर्म की वजह से उसे ब्लीडिंग होने लगी और उसका पेट में पल रहा बच्चा खराब हो गया। स्वास्थ्यकर्मी के द्वारा किए गए गंदी हरकत की आपबीती मेरी बहू बताई।
इस घटना का जक्रि कोरोना वार्ड के गेटमैन से किया तो वह घर की इज्जत बचाने का हवाला दिया। बहू लौटने के बाद काफी डरी सहमी रह रही थी। मेडिकल अस्पताल में भर्ती के दौरान माथे पर टीका लगाए स्वास्थ्यकर्मी के द्वारा किये गए गलत व्यवहार और यौनाचार की चर्चा घर में अक्सर कर रही थी। उन्होंने कहा कि पेट में पल रहे बच्चे और बहू की मौत का जिम्मेदार अस्पताल का स्वास्थ्यकर्मी है, उसी की वजह से मेरी बहू की जिंदगी चली गई। यदि अस्पताल के कोरोना वार्ड में नहीं भेजा जाता तो मेरी बहू के साथ ऐसी कोई हरकत नहीं होती और जान बच जाती।