संगीत की देवी और स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का आज जन्मदिन है। आज वह 68 साल की हो गई। उनकी उम्र के सामने उनकी उपलब्धि बहुत बड़ी है। कहते हैं कि एक गायक, कवि, लेखक और अन्य कलाकार जीवन भर संघर्ष करते हैं, लेकिन उनमें से एक आध को ही समाज याद रखता है। शारदा सिन्हा उनमे से एक है। बिहार में शादी विवाह का कार्यक्रम हो या छठ पूजा उनकी गीतों के बिना यह पर्व अधूरा सा जान पड़ता है।
सोशल मीडिया पर सुबह से ही लोग शारदा सिन्हा को बधाई दे रहे हैं। आखर परिवार के सदस्यों द्वारा उन्हें हैप्पी बर्थडे कहा जा रहा है। लोक गायिका विजय भारती ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि-हे प्रियाति प्रिय शारदा दी, दीर्घ जीवन पाइये, युग युगों तक गीत……गामानस पटल पर छाइये। धान्य…वैभव….सम्पदा से, नित्य ही….सुख पाइये, जन्मदिन अपना हमेशा, हर्षपूर्ण……मनाइये।
मालूम हो कि श्रीमती सिन्हा का जन्म 01 October 1952 को समस्तीपुर जिला के राघोपुर प्रखंड के हुलास गांव में हुआ था। स्व। सुकदेव ठाकुर की इस प्रतिभावान पुत्री में बचपन से ही संगीत कला की प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई थी। श्रीमती सिन्हा कुछ दिनों तक सुपौल स्थित विलियम्स स्कूल में अध्ययन किया। जहां उनके पिता श्री ठाकुर शिक्षा विभाग से अधिकारी के रूप में सेवानिवृत होने के उपरांत कुछ दिनों तक प्राचार्य के रूप में कार्यरत थे। यहां संगीत शिक्षक सह प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित रघु झा से भी श्रीमती सिन्हा को गायन के गुर सीखने का अवसर मिला। उम्र के साथ निखरती संगीत कला ने श्रीमती सिन्हा को राज्य के साथ ही देश एवं अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी ख्याति मिली। श्रीमती सिन्हा की सांस्कृतिक जगत में बढ़ रही लोकप्रियता के कारण भारत सरकार के शीर्ष सम्मानों में एक सम्मान से सम्मानित किया गया।
लोगों ने बताया कि श्रीमती सिन्हा की मधुर संगीत को बिहार ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों एवं देश विदेश में भी खासा पसंद किया जाता रहा है। उन्होंने अपने गायन से बिहार के लोकगीतों को ना सिर्फ नया मुकाम दिया है बल्कि इसे संरक्षित भी किया है। मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन जैसी चर्चित हिंदी फिल्मों में वे अपनी आवाज दे चुकी हैं।