सड़कों पर बारात निकलने पर लगी रोक हटने के बाद बैंड वालों को पटना में रविवार को एक ही दिन में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई। इससे बैंड पार्टी में शामिल वाद्य यंत्र वादकों को फिर से जीवन के पटरी पर लौटने की उम्मीद बढ़ गई है। लॉकडाउन से इन बैंड वालों की हालत खराब हो गई थी। राजधानी के विभिन्न हिस्सों में 1100 से ज्यादा बारात पूरे गाजे बाजे के साथ निकली। एक बारात के लिए औसत 45 हजार रुपए तक भुगतान बैंड पार्टी वालों को मिलता है। बिहार बैंड वेलफेयर एसोसिएशन के मो. ताजुद्दीन ने बताया कि सरकार द्वारा बैंड के साथ बारात निकालने पर पाबंदी हटाने से हमें बहुत राहत मिली है।
एक बारात के लिए औसतन 45 हजार रुपए का होता है बैंड पार्टी को भुगतान, रात 10 बजे तक बैंड बजने के आदेश से कमाई कम
पहले बैंड पार्टियां एक दिन में एक से ज्यादा बुकिंग लेती थीं। हर बुकिंक को अलग समय बारात निकालने के लिए दिया जाता था। बैंड पार्टियां तब 25 से 30 हजार रुपए में भी बुकिंग ले लेती थीं। प्रति दिन 75 से 90 हजार तक कमाई हो जाती थी। पर रात 10 बजे तक ही बजाने के आदेश के बाद बैंड वालों की आमदनी कम हो गई। एक बुकिंग का चार्ज तो 40 से 45 हजार रुपए तक हो गया, पर वह फिर भी पहले रोज होने वाली कमाई से कम है।
शादियों की कमाई से पूरे साल चलता है 900 बैंड वालों का परिवार
सिर्फ पटना में करीब 300 बैंड पार्टियां हैं। इससे ज्यादा बुकिंग होने पर आस पास से दूसरी पार्टी को बुलाया जाता है। हर बैंड पार्टी में औसत 28 लोग शामिल होते हैं। जिसमें 20 बाजा बजाने वाले और 6 लाइट उठाने वाले और 2 जेनरेटर वाले होते हैं। इनकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया शादियों में होने वाली बैंड की बुकिंग है। बैंड पार्टी के हर सदस्य को एक दिन के 1200 से 1500 रुपए मिलते हैं। लगन में हुई कमाई से बैंड वालों का पुरे साल तक परिवार चलता है।