भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के बिहार दौरे से पहले ही एक बार फिर बीजेपी और जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता आमने सामने आ गए हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान के एक बयान पर जेडीयू और बीजेपी में वाक युद्ध शुरू हो गया है। संजय पासवान द्वारा बिहार में मुख्यमंत्री पद को लेकर दिए गए बयान पर जेडीयू ने कड़ी नराजगी जताई है।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने संजय पासवान के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि बीजेपी ऐसे बयानों को बदार्श्त कैसे कर रही है। यह मेरे लिए चिंता का बिषय है।’ त्यागी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि संजय पासवान के गैर अनुशासित बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संज्ञान लेंगे और आगे से इस तरह के बयान पर रोक लगाएंगे।’
केसी त्यागी ने बीजेपी को याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि बीजेपी जाति, धर्म की राजनीति से दूर रहती है, फिर किसी जाति विशेष का नाम लेकर वक्तव्य देना बीजेपी की घोषित नीतियों के विरुद्ध है। केसी त्यागी ने यह भी कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि बिहार में विधानसभा का चुनाव राजग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह साफ कर चुके हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे। बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी द्वारा राज्य में अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन बुधवार को बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से उलट पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी विधान पार्षद डॉ संजय पासवान ने मुख्यमंत्री पद पर बीजेपी की दावेदारी जताई और साफ साफ कहा कि जनता अब बीजेपी के किसी पिछड़े वर्ग के नेता को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
पासवान ने यह भी कहा कि जिस तरह से फीडबैक मिल रहे हैं उससे बीजेपी की ओर से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी या केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को मुख्यमंत्री के रूप में सामने रख चुनाव लड़ा जा सकता है। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री का पद किसी सवर्ण या दलित या फिर दोनों को दिया जा सकता है।