कल अमित शाह की वर्चुअल रैली थी । इस रैली को बिहार के वर्चुअल चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है । अमित शाह ने इस रैली में सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जमकर गुणगान किया । उन्होने ये भी साफ कर दिया कि इस बार का विधानसभा चुनाव भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा । लेकिन वहीं दुसरी तरफ नीतीश कुमार अपने कार्यकर्ता के संग अलग ही वीडियो कांफ्रेसिंग में लगे थे । एक तरह से उन्होने अमित शाह के वर्चुअल रैली से खुद और अपने कार्यकार्ताओं को अलग कर लिया हो । दिन भर वो अपने कार्यकर्ताओं के संग वीडियो कांफ्रेसिंग में लगे रहे ।
इससे जहाँ भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा है वहीं कुछ लोग इसे एनडीए में टूट मान कर चल रहे हैं । लोगों को कहना है नीतीश कुमार सत्ता के मद में इस कदर चूर हो गए हैं कि उन्हे शाह जी के रैली से भी कन्नी काट लिया । चिराग पासवान भी समय-समय पर नीतीश कुमार को टोकते आएं हैं । ऐसे में यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में समीकरण बदल सकते हैं ।
रविवार को नीतीश कुमार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करने बैठे थे. दिन भर चले वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ताओं को ये बताया कि उन्हें चुनाव में क्या कहना है. नीतीश कुमार बोले
“जो अनाप-शनाप बकते रहते हैं उनसे पूछिए जो जरा कि 15 साल के पति-पत्नी के राज में क्या काम किया? सड़कें कैसी थीं? बिजली का क्या हाल था। उनके घरों में भले बिजली हो, लोगों के घरों में रहती थी क्या? राज्य का बजट कितना था? आधारभूत संरचना या अन्य क्षेत्र में कोई काम हुआ था क्या?”
जाहिर तौर पर नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी एजेंडा दे दिया. एक बार फिर वे लालू-राबडी राज की विफलताओं को अपना प्रमुख मुद्दा बनायेंगे. नीतीश कुमार ने जेडीयू वर्करों से कहा कि वे नयी पीढ़ी को पुराना किस्सा सुनायें. नयी पीढी के लोगों को बताना चाहिए कि बिहार में 15 वर्षों तक पति-पत्नी का शासन कैसा था. जेडीयू को कैसी परिस्थिति में और कैसा बिहार मिला था और अभी क्या हाल है. कैसे राज्य का बजट 24 हजार करोड़ से दो लाख 12 हजार करोड़ तक पहुंचाया गया.
नीतीश कुमार ने लालू राबड़ी के दौर में हुए नरसंहारों की भी याद दिलायी. उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 के बीच क्या स्थिति थी. वो अपरहण और सामूहिक नरसंहारों का दौर था. हमने बिहार को वहां से निकालकर कानून का राज स्थापित किया. नीतीश कुमार ने कहा कि हम ये नहीं कहते कि रामराज ला दिया लेकिन अपराध की स्थिति नियंत्रण में है. उनके शासनकाल के 15 सालों में सिर्फ एक शहर में दो दिनों के लिए कर्फ्यू लगा. इसके अलावा बिहार के किसी दूसरी जगह पर ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी गयी.