यहां देवी डीहरा- नागपुर गांव के बीच डंपिंग के लिए जमीन का चयन किया गया है। आज सदर विधायक संजय कुमार तिवारी तथा अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र मिश्र दल-बल के साथ चिन्हित जमीन को देखने पहुंचे थे। इसी बीच कई गांवों के लोग वहां आ गए और डंपिंग जोन का विरोध करने लगे। विधायक द्वारा उनकी बात नहीं मानने पर मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस बीच लोगों का हंगामा देख विधायक अधिकारियों के साथ वहां से निकल गए।
क्या है मामला
दरअसल, बक्सर नगर परिषद क्षेत्र विस्तार के साथ ही कचरा निस्तारण एक मुख्य समस्या बन गया है। कचरे के कारण पूरे शहर में गंदगी का अंबार पसरा हुआ है। कारण डंपिंग जोन नहीं होने के कारण नगर परिषद के द्वारा कभी गंगा किनारे तो कभी नहर और कभी किसी जलस्रोत के पास कचरे को डंप किया जाता है। यह राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन है।
नगर परिषद का क्षेत्र विस्तार अब चौसा तक हो गया है। ऐसे में चौसा के समीप रामपुर पंचायत के देवी डीहरा- नागपुर गांव के बीच डंपिंग के लिए जमीन का चयन किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जमीन का चयन ऐसे ही नहीं हुआ है। पहले ग्रामीणों से सहमति ली गई है। बजाप्ता ग्राम पंचायत के आयोजन की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कराई गई है। साथ ही ग्रामीणों के हस्ताक्षर भी कराए गए हैं।
आज विधायक को पहुंचा देख कई दर्जन ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और साफ शब्दों में उनसे कहने लगे कि यहां कचरा निस्तारण की व्यवस्था ना की जाए। इस बात पर जब विधायक ने कहा कि ग्रामीणों की सहमति से ही यहां कचरा डंपिंग जोन बनाया गया है। यहां 15 लाख रुपए की मशीन लगाएंगे, जिससे कचरा पुनर्चक्रित कर दिया जाएगा और ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं होगी। तब ग्रामीणों ने कहा कि यह बात झूठी है। साथ ही कहा कि ग्राम पंचायत का आयोजन भी केवल कागज में किया गया है। इतना ही नहीं ग्रामीणों के हस्ताक्षर भी फर्जी बनाए गए हैं।
ग्रामीणों में शामिल अधिवक्ता बृज राज सिंह, राजन यादव, अमर सिंह, प्रभुनाथ सिंह, अनिल, वीरेंद्र, हरेंद्र राय, संतोष राय, त्रिलोकी सिंह समेत सागरा, डेवीडिहरा, रसूलपुर, गोपालपुर, रामपुर, नागपुर, गैधरा, तिवाय आदि से आए लोगों ने विधायक से कहा कि वह यहां किसी कीमत पर डंपिंग जोन नहीं बनने देंगे। यहां खेल मैदान या अस्पताल बनवा दें। हम उसका स्वागत करते हैं।
ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने विधायक को वोट देकर भारी गलती कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि कचरा निस्तारण वाली जगह के समीप नदी भी बहती है। जो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों के तहत आती है। बाद में स्थिति बिगड़ते देख विधायक व पदाधिकारी वहां से निकल गए।