कोरोना वायरस को लेकर रेलवे भले ही लाख दावा करे की रेलवे इसको लेकर सतर्क और तैयार है उसकी पोल खुल गई। पटना जंक्शन पर बीमार ट्रेन यात्री को देख डॉक्टर ही डर से भाग गए। वह भी उस समय जब जंक्शन के सभागार में कोरोना वायरस को लेकर बैठक हो रही थी।
बक्सर में हुई मरीज की जांच
पटना में इलाज नहीं होने के बाद बीमार यात्री को फिर से ट्रेन में बैठा दिया गया। बक्सर ट्रेन पहुंचने के बाद मरीज का इलाज किया गया। यात्री डिब्रूगढ़ से पटना होते हुए दिल्ली ब्रह्मपुत्रा मेल से जा रहा था। वह स्लीपर डिब्बा एस-10 के बर्थ संख्या-54 पर मो। कमरान सवार थे।
ट्रेन की यात्री भी डरे
बताया जा रहा है कि यात्रा के दौरान कमरान को तेज बुखार हो गया। उसने इसकी सूचना रनिंग टीटीई ने दानापुर कंट्रोल रूप को दी। जिसके बाद पटना जंक्शन को सूचना दी गई कि डॉक्टर अटेंड करें, लेकिन सूचना मिलने के बाद हेल्थ यूनिट के डॉक्टर ही गायब हो गए। फिर टीटीई ने लायंस क्लब के स्टॉल पर कार्यरत कर्मी के सहयोग से पीड़ित यात्री को सिर्फ बुखार की दवा दी गई और बिना जांच के किए हुए ट्रेन को रवाना कर दिया गया। जब बक्सर ट्रेन पहुंची तो जांच किया गया और इलाज के बाद यात्री फिर से रवाना हो गए। इस दौरान ट्रेन के यात्री भी डरे रहे।