कई राज्यों में फंसे बिहारी मजदूरों को अब अपने यहां रखने को ले कुछ राज्य सरकारों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रवासी मजदूरों के बीच तेजी से यह बात फैली है कि जिस राज्य में वे फंसे हैं वहां की सरकारें उन्हें वापस बिहार भेजने की तैयारी कर रही है। वैसे आधिकारिक तौर पर यह पुष्टि नहीं हो पायी है किस-किस राज्य सरकारों द्वारा यह बात कही जा रही है। वहीं कोटा से आज बिहार के लिए रवाना होने वाले बिहारी विद्यार्थियों के जत्थे को कोटा में ही रोक लिया गया है। बिहारी विद्यार्थियों को कोटा जिला प्रशासन ने अंतरराज्यीय पास देना बंद कर दिया है। इस मामले में केंद्र सरकार की नयी गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने काफी जोरदार तरीके से सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस मामले को उठाया था।
सोमवार को यह बात चर्चा में रही कि महाराष्ट्र व तमिलनाडु में फंसे बिहारी कामगारों को वहां की सरकार वापस बिहार भेज रही है। महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में बिहार के मजदूर फंसे हैं। कोरोना संक्रमण वहां बड़े स्तर पर है। राज्य सरकार ने पूर्व में भी इस तरह अंतरराज्यीय स्तर पर आने-जाने की व्यवस्था पर अपना एतराज जताया है। वहीं तमिलनाडु की सरकार कह रही कि वह मजदूरों की बात सुनकर उन्हें उनके घर भेजने की तैयारी कर रही है। इन राज्यों से इस बाबत राज्य सरकार को किसी तरह का कोई पत्र मिलने के बारे में पूछे जाने पर आला अधिकारियों ने अनभिज्ञता जतायी हैं।
वहीं राजस्थान के कोटा में अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में रह रहे बिहारी विद्यार्थियों के बिहार लौटने का मामला फिलहाल टल गया है। कोटा जिला प्रशासन ने बिहारी छात्रों को अंतरराज्यीय परिवहन का पास देना बंद कर दिया। कार वाले तीस से चालीस हजार रुपए दो विद्यार्थियों को बिहार पहुंचाने का मांग रहे थे। ऐसी उम्मीद है कि एक-दो दिनों में केंद्र सरकार के स्तर पर इस बारे में गाइडलाइन जारी हो सकती हेै।
वेल्लौर में फंसे बिहारियों को बिजली कंपनी ने दिए15 लाख :
तमिलनाडु के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लौर में इलाज के लिए अपने परिजनों के साथ गए 638 लोगों को बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी ने कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत पंद्रह लाख, नौ हजार, एक सौ तेईस रूपए उपलब्ध कराए हैं। सभी लॉकडाउन की वजह से वहां फंसे थे और उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वे उस लॉज का पैसा दे सकें, जहां वे रह रहे हैं।
सोलह लाख लोगों के खाते में गई राशि : कोरोना के चलते देश के दूसरे हिस्से में फंसे राज्य के करीब 16 लाख लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपये दे दिए गए हैं। राहत राशि के लिए अबतक 25 लाख 15 हजार लोगों ने आवेदन दिए हैं। यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान दीं। कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार फाउंडेशन के नौ राज्यों के 12 शहरों में 55 राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं, जिससे 12 लाख 35 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना से उत्पन्न हालात के हर पहलू की समीक्षा कर रहे हैं। राज्य में 201 आपदा राहत केन्द्रों से 72 हजार लोग लाभ उठा रहे हैं। पंचायतों के 1203 क्वारंटाइन सेंटर में 10 हजार सात सौ लोग रह रहे हैं। ये सेंटर अब प्रखंड स्तर पर भी बन रहे हैं। एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 31 प्राथमिकी दर्ज हुई है। 45 गिरफ्तारियां हुई हैं।