राजद नेता तेजस्वी यादव ने जमुई की सभा में अपने बयान से सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा कि समय आने पर चिराग पासवान का भी साथ सरकार बनाने के लिए वे ले सकते हैं। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने पहले ही कह दिया है कि वे जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेंगे। वे लगातार नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना पर हमलावर हैं। लेकिन तेजस्वी यादव का बयान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि चिराग पासवान ने खुद को ही एनडीए से अलग कर लिया है।
तेजस्वी यादव के बयान के बाद लोजपा उम्मीदवारों को लेकर भ्रम की स्थिति बढ़ती जा रही है। दिलचस्प यह है कि लोजपा और राजद की राहें अलग जरूर हैं पर पहुंचती एक ही जगह पर हैं। दोनों पार्टियों के कॉमन राजनीतिक शत्रु नीतीश कुमार हैं। तेजस्वी भी नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं और चिराग पासवान की मंशा भी यही है। भाजपा अगर लोजपा से दूरी बनाती है तो चिराग की नजदीकी तेजस्वी से तेजी से बढ़ सकती है। बता दें कि लोजपा 143 सीटों पर बिहार में उम्मीदवार लड़ा रही है। लोजपा ही ऐसी पार्टी है जो अपने दम पर 143 सीटों पर लड़ रही है। इसलिए लोजपा के पास कई तरह के विकल्प खुले हुए हैं। लोजपा की नजदीकी राजद से बढ़ती है तो भाजपा के लिए भी मुश्किल बढ़ सकती है।