नीतीश मंत्रिमंडल के इस्तीफे के साथ बिहार में नई सरकार के गठन की कवायद शुरू हो गयी है। रविवार को एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। एनडीए विधायक दल की बैठक के ठीक पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा में मंत्रिपद को लेकर रेस शुरू हो गई है। पहले ऐसे कयास लग रहे थे कि मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी भी नीतीश सरकार में मंत्री हो सकते हैं। लेकिन खुद मांझी ने ऐसे कयासों पर यह कह कर विराम लगा दिया है कि वे स्वयं मंत्री नहीं बनना चाहते हैं। मांझी के इस इनकार के बाद शेष बचे नेताओं के बीच मंत्रिपद की रेस शुरू हो गई है।
हम सेक्युलर सूत्रों ने बताया रेस में तीन नामों में जो दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें मांझी की रिश्तेदार ज्योति देवी और पूर्व मंत्री अनिल कुमार हैं। अनिल कुमार टेकारी से जबकि ज्योति देवी ने बाराचट्टी से चुनाव जीता है और विधानसभा तक पहुंची हैं। इन दो के अलावा सिकंदरा सीट पर भी मांझी की पार्टी प्रत्याशी प्रफुल्ल मांझी ने कांग्रेस के बंटी चौधरी को हराकर चुनाव में जीत दर्ज कराई है। हम सेक्युलर के तीन विधायकों में से किसी दो को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिल सकता है। चर्चा है कि मांझी अपनी समधन और पुराने मित्र व सहयोगी अनिल कुमार को कैबिनेट में शामिल करा सकते हैं। हालांकि जब इस संदर्भ में उनसे बातचीत के प्रयास किये गए तो पार्टी कार्यालय से बताया गया मांझी परिवार के बीच गया में हैं उनसे रविवार को ही बात संभव हो सकेगी। बहरहाल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अंदर मंत्रिपद को लेकर जारी रेस के बीच एक बात साफ हो चुकी है कि पहले किसी एक को मंत्रिपद की शपथ दिलाई जाएगी। यह नेता कौन होगा यह सोमवार को ही साफ हो पाएगा।