काेराेना संक्रमण के बाद पूरे देश में लाॅकडाउन हाे गया। कंपनियां बंद हाे गईं। राेजी-राेजगार पर संकट अाने के बाद प्रवासी श्रमिक घर अाने लगे। पूर्व मध्य रेलवे ने 1285 श्रमिक ट्रेनाें से 21 राज्याें से 20 लाख प्रवासी मजदूराें काे घर पहुंचाया था। इसमें गुजरात, पंजाब, यूपी, दिल्ली, मुम्बई, कर्नाटक, केरल, चेन्नई से अधिकतर मजदूर वापस अाए। बस, ट्रक सहित अन्य साधनाें से भी प्रवासी घर वापस हुए थे। अनलाॅक हाेते ही 1 जून के बाद से धीरे-धीरे प्रवासी श्रमिक राेजी-राेटी की तलाश में अपना घर छाेड़ने लगे। कंपनियां खुलते ही वहां से मजदूराें की वापसी के लिए विशेष अाॅफर अाने लगे। श्रमिक परिवार के अाश्रिताें के बैंक खाते में 10 से 15 हजार रुपए एडवांस के ताैर पर कंपनियां जमा करा रही है। ट्रेनाें में भीड़ देखते हुए कंपनियां उन्हेंं वापस बुलाने लिए वहीं से उनके प्रखंड मुख्यालयाें तक बस भेज रही है। उत्तर बिहार से राेजाना 30 बसाें पर लदकर करीब डेढ़ हजार प्रवासी दिल्ली, पंजाब, गुजरात, मुम्बई सहित अन्य शहराें काे जा रहे हैं।
21 राज्यों से आए थे प्रवासी :
गुजरात 367500, महाराष्ट्र 292500, पंजाब 234000, यूपी 201000, दिल्ली 177000, चेन्नई 126000, कर्नाटक 123000, राजस्थान 108000 हरियाणा 78000, तेलंगाना 60000, केरल 58500, आंध्र प्रदेश 33000, उत्तराखंड 16500, गोवा 13500, त्रिपुरा 12000, मध्यप्रदेश 9000, कश्मीर 9000, प. बंगाल 4500, नागालैंड 1500, उड़ीसा 1500, पुड्डुचेरी 1500
वाेटर लिस्ट में नाम जाेड़ने के लिए चला था विशेष अभियान : चुनाव अायाेग ने प्रवासी श्रमिकाें काे वाेट में हिस्सेदारी सुनिश्चित कराने के लिए विशेष अभियान चलाकर उनका नाम वाेटर लिस्ट में जाेड़ने का अादेश दे रखा है। कुछ प्रवासी श्रमिकाें ने वाेटर लिस्ट में अपना नाम भी जुड़वाया। पर, राेजी-राेटी की तलाश में अनालाॅक हाेते ही फिर से पलायन करने लगे हैं।